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सभी प्रश्नों को हल करना अनिवार्य है  💯


Subject- E-COMMERCE.           Time-24 hr
    Nambr-35                                  questions-10


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सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है-📖

1. पूर्ण रूप लिखिए-
     1.EDI-
     2.SEO-
     3.EFT-
     4.SET-
     5.PLM-

2. ई- कॉमर्स से आप क्या समझते है? ई- कॉमर्स के प्रकारों को समझाइये।

3. ई- कॉमर्स के घटको को समझाइये।

4. ई- कॉमर्स के कोई 5 लाभ व 5  हानिया बताइये।

5. EDI से आप क्या समझते है और इसके लाभ बताइये।

6. B2C मॉडल के बारे में समझाइये।

7. ई मार्केटिंग क्या है आप इससे क्या समझते है।

8.भीम एप्प क्या है इसे किसने क्यों और कब बनाया था स्पष्ट करिये।

9. ई- कॉमर्स भुगतान प्रणाली से आप क्या समझते है इसके प्रकारों का विवरण दीजिये।

10.डिजिटल सर्टिफिकेट से आप क्या समझते है और डिजिटल सर्टिफिकेट के घटको को समझाइये।



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65 Comments

  1. 1.EDI _ electronic data interchange
    Seo_ search engine optimization
    EFT_electroni fund transfer
    Set_ state eligibility test
    Plm _ product life cycle management
    Manish Kumar

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  2. 2. इलेक्ट्रॉनिक कामर्स इण्टरनेट सहित कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से उत्पादों सेवाओं और सूचना की खरीद और बिक्री का वर्णन करता है, उसे ई-कॉमर्स कहते हैं।
    ई-कॉमर्स पांच प्रकार के होते हैं__
    1_B2B,2_B2C,3_C2B,4_B2E ,5 _C2C
    Manish Kumar

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  3. उत्तर क्रमांक 7
    ई मार्केटिंग इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग को इंटरनेट मार्केटिंग वेब मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग ऑनलाइन मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है यह मार्केटिंग इंटरनेट का उपयोग करके किसी उत्पाद या सेवा के मार्केटिंग प्रक्रिया ई मार्केटिंग में न केवल इंटरनेट पर मार्केट में शामिल है बल्कि इसमें में और वायरलेस मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग भी शामिल है यहां व्यवसायों को उनको ग्राहकों से जोड़ने में मदद करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग करता है
    मार्केटिंग एक प्रकार की मार्केटिंग है जो आधुनिक तकनीक जैसे इंटरनेट और मोबाइल के माध्यम से पूरी होती है इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के परिणाम स्वरूप की मार्केटिंग का महत्व बढ़ गया है 2013 के अंत में अरब देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 135.6 मिलियन उपयोगकर्ता तक पहुंच गई है किस उत्पाद की जानकारियां खोज करने के लिए इंटरनेट सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया है मार्केटिंग कई तरीके हैं और मार्केटिंग के सभी प्रकार और तरीकों को जाना बहता है सही तरीके का चयन करें जो आपके मार्केटिंग अभियान में सफलता प्राप्त करें


    Dumeshकुमार आईटीआई मगरलोड

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  4. उत्तर क्रमांक 4
    ई-कॉमर्स के लाभ
    (1) ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं को सस्ते तथा क्वालिटी प्रोडक्ट का को दिखाने का मौका देता है
    (2) या नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस एक्टिविटी की डिमांड को बढ़ाता है
    (3)एक बिजनेस व्यक्तिगत रूप से ग्लोबल मार्केट में पहुंचने के लिए समक्ष बनता है
    (4)ऑनलाइन शॉपिंग सामान्य का अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपारिक सौतन की अपेक्षा टाइम से सेविंग है
    (5) इसके माध्यम से छोटे इंटरप्राइजेज प्रोडक्ट की खरीदारी बेचना तथा सर्विस के लिए ग्लोबल मार्केट में एक्सेस कर सकते हैं
    (6)बिजनेस के जीसीसी कॉमर्स मार्केटिंग कस्टमर केयर प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन स्टोरेज सरकार इन्वेंटरी मैनेजमेंट की कीमत में कटौती के लिए काफी महत्वपूर्ण है


    ई-कॉमर्स की हानियां
    (1) प्रतियोगिताओं की स्थिति को विचारने करने में असमर्थ थी

    (2)वातावरण की प्रक्रिया का पूर्वानुमान करने में अक्षमता होती है

    (3)उपभोक्ताओं को यह समझने में असफलता होती है कि ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीदारी कैसे करें

    4()बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह के फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए इंटरनेट का प्रयोग नहीं करते
    (5)
    ई-कॉमर्स ग्लोबल से आपके लिए दरवाजा खोल देता है अतः ग्लोबल रूप से व्यापारियों के लिए कॉन्पिटिशन बढ़ जाता है

    (6) इच्छित प्रोडक्ट के लिए बहुत कॉल्स ईमेल तथा उनकी आवश्यकता हो सकती है जो काफी खर्चों को बढ़ा देती है


    Dumesh kumar आई टी आई मगरलोड

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  5. 4.इ-कामर्स के पांच लाभ/ हानि निम्न हैं_
    1_पसद के वस्तुओं के चयन करने में सुविधा।
    2_बाजारो की समय सीमा और भौगोलिक सीमाओं का विस्तार।
    3_किसी भी समय खरीदारी करने की सुविधा।
    4_ डिजिटल भुगतान की सुविधा।
    5_ उत्पादों की खोजबीन हेतु मुल्यो का तुलनात्मक अध्ययन में सरलता होना।
    हानि____
    1 _ ख़राब क्वालिटी वाले product इण्टरनेट पर चेक नहीं कर सकते हैं।
    2_online shopping के कारण ग्राहक अनचाही वस्तुओं भी खरीद लेते हैं।
    3_इण्टरनेट __ online ठगी का शिकार हो जाना।
    4__सेल के बाद सप्रोर्ट की कमी।
    5__सुरक्षा___पर्सनल जानकारी चोरी होना।
    मनीष कुमार

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  6. Answe nu. 1
    1.electronic data interechang
    2.search engine oftimizotion
    3.electronic fund transfer
    4.secure electronic transaction
    5.electronic payment method

    Answr nu.2

    Durchanchar network ke madhym se vyapar ka len-den electronic commerce kahlata hai

    Laxmi dhruw

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  7. उत्तर क्रमांक 5
    आईटीआई का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज हाय यहां एक ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम है जिसमें कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करते हैं आजकल ईडीआई का प्रयोग सबसे ज्यादा b2b ई-कॉमर्स में किया जाता है

    ईडीआई के लाभ
    (1) ईडीआई की अंकुश का संचार के प्रभाव को सुव्यवस्थित करती है और आमतौर पर किसी व्यापारिक भागीदारी के साथ व्यवसायिक संबंधों को बढ़ाती है

    (2) इसमें डॉक्यूमेंट को ट्रांसफर करने में समय बहुत ही कम लगता है क्योंकि डाटा इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रांसफर होता है

    (3)इसमें पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है

    (4)इसमें डाटा का आदान-प्रदान बेहतर होता है तथा शुद्धता अधिक होती है

    (5)आईटीआई के द्वारा भुगतान भी किया जा सकता है ईडीआई भुगतान प्रणाली एक ईडीआई भुगतान सलाह भी उत्पन्न कर सकते हैं जिसे प्रसंगी चालान के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक रूप से मिलान किया जा सकता है

    (6) इसमें डाटा को आसानी से एक चेंज कर सकते हैं


    DUMESH KUMAR आईटीआई मगरलोड

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  8. 5.EDI ka pura name - electronic data interchange hai यह एक बिजनेस टु बिजनेस एप्लीकेशन है।
    इसके लाभ निम्न हैं__1 edi की अनुकूलन शीलता संचार के प्रवाह को व्यवस्थित करता है, और व्यापारिक भागीदार के व्यावसायिक सम्बधो को बढ़ाता है।
    2_इनमे डाक्युमेण्ट को transfer करने में समय बहुत ही कम लगता है।
    3_ इसमें डेटा को आसानी से exchange कर सकते हैं।
    4_इसमे डेटा का आदान-प्रदान बेहतर होता है तथा शुद्धता अधिक होता है।
    5_इसमे पेपर वर्क नहीं होता है।
    6_edi के माध्यम से भुगतान भी किया जा सकता है।
    मनीष कुमार

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  10. उत्तर क्रमांक 01
    1.EDI- Electronic data interchange
    2.SEO- Search engine optimization
    3.EFT- Electronic fund transfer
    4.SEY- secure electronic transactions
    5.PLM- product lifecycle management
    Nirmla Sahu magarlod

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  11. ( Ans-01)

    1.EDL-Electronik data interchange
    2.SEO-search engine optimisation
    3.EFT-Electronik fund transfer
    4.SET-State Eligibility test
    5.pLM-prodrct lifecycle management

    Roshan Lal
    ITI मगरलोड

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  12. उत्तर क्रमांक 2
    दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से व्यापार का लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहां जाता है यहां एक प्रोसेस है जिसके द्वारा बिजनेस और कंजूमर एक इलेक्ट्रॉन माध्यम से माल और सर्विसेस को बेचते और खरीदते हैं

    व्यापार से व्यापार b2b

    (1) इसे संक्षेप में b2b ई-कॉमर्स कहा जाता है इस प्रकार की कॉमर्स में कोई अपनी उत्पाद और सेवाएं दूसरी कंपनियों को बेचती है या उनसे खरीदती है समय के साथ कई मॉडल विकसित हो गए। जैसे- इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर यूनिमिटी, शिपिंग और वेयरहाउसिंग, मोटर वाहन, ऑफिस उत्पाद।
    इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग प्रोडक्ट मैन मैनेजमेंट इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज आदि ऐसे कुछ प्रचलित b2b एप्लीकेशंस है जहां पार्टनर्स के मध्य संबंध प्रभावित होता है।

    (2)व्यापार से उपभोक्ता b2c

    इस संसार में b2c e-commerce भी कहा जाता है. इस प्रकार की कॉमर्स में कोई कोई कंपनी अपने उत्पाद एवं सेवाएं उपभोक्ता को भेजती है ऐसे मामलों में कंपनी की एक वेबसाइट होती है जिसमें से ग्राहक सूचनाएं ले सकता है और किसी उत्पाद या सेवा का आदेश दे सकता है जैसे वेब पोर्टल ऑल, ऑनलाइन रिटेलर्स, सामग्री प्रदाता लेनदेन ब्रोकर का सेवा प्रदाता है।

    (3) कंज्यूमर टू बिजनेस ई कॉमर्स
    कंज्यूमर टू बिजनेस ई-कॉमर्स को c2b ई-कॉमर्स भी कहा जाता है यहां किसी भी उपभोक्ता को प्रदान होता है जो इंटरनेट पर किसी व्यवसाय को उत्पाद बेचता है


    (4) बिजनेस टू एम्पलाई ई कॉमर्स
    बिजनेस टू एम्पलाई कॉमर्स कोविड-19 से भी कहा जाता है। यह एक इंटरवेनेस नेटवर्क का प्रयोग करती हैं आमतौर पर कंपनियां कर्मचारियों से संबंधित कारपोरेट प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए b2e नेटवर्क का प्रयोग करती है।
    B2 एप्लीकेशन में ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी मैनेजमेंट, कारपोरेट, ऑनलाइन आपूर्ति और विशिष्ट कर्मचारी प्रस्ताव सम्मिलित होते हैं।

    (5) उपभोक्ता से उपभोक्ता c2c
    इसे संसद में सीटीसी ई-कॉमर्स भी कहते हैं। इस प्रकार के ई-कॉमर्स में उपभोक्ता अपनी वस्तुओं आपस में एक दूसरे को भेज सकते हैं। इसमें किसी ऑनलाइन मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट और जैसे नीलामी की वेबसाइट की सहायता दी जाती है इसमें सबसे लोकप्रिय वेबसाइट www.ebay.com ने इस काल्पनिक नीलामी को ग्राहकों के लिए प्रस्तुत किया है।


    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  13. उत्तर क्रमांक 2
    दूरसंचार नेटवर्क के माध्यम से व्यापार का लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहां जाता है यहां एक प्रोसेस है जिसके द्वारा बिजनेस और कंजूमर एक इलेक्ट्रॉन माध्यम से माल और सर्विसेस को बेचते और खरीदते हैं

    व्यापार से व्यापार b2b

    (1) इसे संक्षेप में b2b ई-कॉमर्स कहा जाता है इस प्रकार की कॉमर्स में कोई अपनी उत्पाद और सेवाएं दूसरी कंपनियों को बेचती है या उनसे खरीदती है समय के साथ कई मॉडल विकसित हो गए। जैसे- इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर यूनिमिटी, शिपिंग और वेयरहाउसिंग, मोटर वाहन, ऑफिस उत्पाद।
    इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग प्रोडक्ट मैन मैनेजमेंट इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज आदि ऐसे कुछ प्रचलित b2b एप्लीकेशंस है जहां पार्टनर्स के मध्य संबंध प्रभावित होता है।

    (2)व्यापार से उपभोक्ता b2c

    इस संसार में b2c e-commerce भी कहा जाता है. इस प्रकार की कॉमर्स में कोई कोई कंपनी अपने उत्पाद एवं सेवाएं उपभोक्ता को भेजती है ऐसे मामलों में कंपनी की एक वेबसाइट होती है जिसमें से ग्राहक सूचनाएं ले सकता है और किसी उत्पाद या सेवा का आदेश दे सकता है जैसे वेब पोर्टल ऑल, ऑनलाइन रिटेलर्स, सामग्री प्रदाता लेनदेन ब्रोकर का सेवा प्रदाता है।

    (3) कंज्यूमर टू बिजनेस ई कॉमर्स
    कंज्यूमर टू बिजनेस ई-कॉमर्स को c2b ई-कॉमर्स भी कहा जाता है यहां किसी भी उपभोक्ता को प्रदान होता है जो इंटरनेट पर किसी व्यवसाय को उत्पाद बेचता है


    (4) बिजनेस टू एम्पलाई ई कॉमर्स
    बिजनेस टू एम्पलाई कॉमर्स कोविड-19 से भी कहा जाता है। यह एक इंटरवेनेस नेटवर्क का प्रयोग करती हैं आमतौर पर कंपनियां कर्मचारियों से संबंधित कारपोरेट प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए b2e नेटवर्क का प्रयोग करती है।
    B2 एप्लीकेशन में ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी मैनेजमेंट, कारपोरेट, ऑनलाइन आपूर्ति और विशिष्ट कर्मचारी प्रस्ताव सम्मिलित होते हैं।

    (5) उपभोक्ता से उपभोक्ता c2c
    इसे संसद में सीटीसी ई-कॉमर्स भी कहते हैं। इस प्रकार के ई-कॉमर्स में उपभोक्ता अपनी वस्तुओं आपस में एक दूसरे को भेज सकते हैं। इसमें किसी ऑनलाइन मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट और जैसे नीलामी की वेबसाइट की सहायता दी जाती है इसमें सबसे लोकप्रिय वेबसाइट www.ebay.com ने इस काल्पनिक नीलामी को ग्राहकों के लिए प्रस्तुत किया है।


    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  14. (01) 1.EDI-ELECTRONIC DATA INTERCHANGE
    2.SEO-SEARCH ENGINE OPTIMIZATION
    3.EFT-ELECTRONIC FUND TRANSFER
    4.SET-SECURE ELECTRONIC TRANSACTIONS
    5.PLM-PRODUCT LIFECYLCE MANAGEMENT

    (02) इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स (Electronic Commerce) इंटरनेट जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर व्यापार करने का एक तरीका है । ई-कॉमर्स के अंतगर्त वस्तुओं या सेवाओं को खरीद या बिक्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसे - इंटरनेट के द्वारा होता है । यह इंटरनेट पर व्यापर है । ई-कॉमर्स को व्यापक रूप से इंटरनेट पर उत्पादों की खरीदारी और बिक्री माना जाता है इस तरह से इंटरनेट के माध्यम से सेवाओं और सामानों की बिक्री और खरीद को ही ई-कॉमर्स कहते है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा या धन दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच स्थानांतरित होता है। सीधे शब्दों में कहें, यह ऑनलाइन खरीदारी है वर्तमान में ई-कॉमर्स इंटरनेट के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है । इंटरनेट पर सामान ख़रीदना और बेचना ईकॉमर्स के सबसे लोकप्रिय उदाहरणों में से एक है ।इसकी शुरुवात 1960 के दशक से शुरू हुई थी ।
    ई-कॉमर्स के प्रकार :-
    Business to Business E-commerce (B2B E-commerce) :- इसके नाम के अनुसार, B2B ई-कॉमर्स दो व्यवसायों के बीच किए गए लेनदेन से संबंधित है। जैसे अगर कोई कंपनी खुद कोई प्रोडक्ट नही बनाती है और किसी दूसरी कंपनी से खरीद कर फिर अपना समान बेचती है तो वो B2B के अंतर्गत आता है ।

    Business to Consumer Ecommerce (B2C Ecommerce) :- इसमे लेनदेन एक बिज़नस और कांसुमेर के बीच होता है। सब से ज्यादा होने वाला ई-कॉमर्स यही होता है । जैसे Flipkart, Amazon आदि जैसी कम्पनीज से उपभोक्ता सीधे वस्तु खरीदता है ।

    Consumer to Business Ecommerce (C2B Ecommerce) :- यह लेनदेन B2C का अपोजिट है । इसमे लेनदेन Consumer और Business के बीच होता है । जैसे एक Consumer वेबसाइट बनाने के लिए ऑनलाइन रिक्वायरर्मन्ट देता हैं, और कोई कंपनी इसके लिए सही कीमत पर वेबसाइट बनाकर देने के लिए ऑफर करती हैं ।

    Consumer to Consumer Ecommerce (C2C E-commerce) :-यह दो Consumers यानी दो उपभोक्ताओं के बीच होता है । इसमे दो उपभोक्ताओं द्वारा आपस में कुछ खरीदा और बेचा जाता है। जैसे OLX जैसी साइट्स पर होता है, जिसमें एक व्यक्ति किसी उत्पाद या सेवा को दूसरे को बेचता है ।

    Business To Government (B2G) :- ई-कॉमर्स के इस प्रकार में कंपनियों और सार्वजनिक प्रशासन या सरकार के बीच ऑनलाइन किए गए सभी लेनदेन शामिल हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें बड़ी मात्रा में और विभिन्न प्रकार की सेवाएं शामिल हैं, खासतौर पर वित्तीय, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, कानूनी दस्तावेज और रजिस्ट्रार आदि जैसे क्षेत्रों में ।

    Consumer To Government (C2G) :- इस में उपभोक्ता और प्रशासन (सरकार) के बीच किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन शामिल हैं । जैसे कर (टैक्स) का भुगतान करना, स्वास्थ्य सेवाओं का भुगतान, दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करना इत्यादि ।

    PUSHPJEET SAHU I.T.I. MAGARLOD

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  15. 6. B2C__ consumer get up opportunity to browse, select costomize and buy product online from a market place and product saller and offer price cuts discount shipping and delivery option on time costomer service through and electronic Portal use by existing business for channel enhancement purchase and by small product or retailer to set up online internet .
    Benefits of b2c model __
    1 convernicce of online buying.
    2 customization of product.
    3 online costomer service.
    4 online delivery and payment.
    Manish Kumar

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  16. 7.इ-माकेटिग ___
    इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग को इण्टरनेट मार्केटिंग वेब मार्केटिंग, डिजिटल या आनलाइन मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है।
    ई मार्केटिंग इण्टरनेट मार्केटिंग का उपयोग कर के किसी उत्पाद या सेवा के मार्केटिंग की प्रकिया है।
    आधुनिक तकनीकी जैसे मोबाइल के माध्यम से पुरी होती है,

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  17. (04)ई-कॉमर्स के प्रमुख लाभ :-
    1. ई-कॉमर्स का उपयोग करते हुए, संगठन न्यूनतम पूंजी निवेश के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने बाजार का विस्तार कर सकता है ।
    2. ई-कॉमर्स कंपनी की ब्रांड छवि को बेहतर बनाता है ।
    3. ई-कॉमर्स संगठन को बेहतर ग्राहक सेवाएं प्रदान करने में सहायता करता है ।
    4. ई-कॉमर्स व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उन्हें तेज़ और कुशल बनाने में मदद करता है ।
    5. ई-कॉमर्स कागज काम बहुत कम कर देता है ।
    ई-कॉमर्स की हानि प्रमुख है-
    1. आप इन्टरनेट में प्रोडक्ट को चेक नहीं कर सकते है, इसलिए ख़राब मार्केटिंग वाले प्रोडक्ट आने का रिस्क ज्यादा रहता है.
    2. ऑनलाइन प्रोडक्ट का पेमेंट करते समय आपको क्रेडिट व डेबिट कार्ड की जानकारी देना पड़ता है, जिससे जानकारी चोरी होने की दर बना रहता है.
    3. कभी कभी ग्राहक तक समान पहुचाने बहुत समय लग जाता है, जिससे ग्राहक को नुकसान के साथ असुविधा का सामना करना पड़ सकता है

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  18. (05). EDI का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज(electronic data interchange) है। यह एक ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम है जिसमें कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करते है।क्योंकि डेटा को ट्रान्सफर करने में paperwork नही करना पड़ता है इसलिए इसमें किसी मनुष्य के हस्तक्षेप की आवश्यकता नही पड़ती है।
    EDI के लाभ-
    1.इसमें डेटा को आसानी से exchange कर सकते है अर्थात् इसमें technical complexity कम हो जाती है।
    2.इसमें डेटा का ट्रान्सफर कम कीमत(cost) में हो जाता है।
    3.इसमें paperwork नही करना पड़ता है।
    4.इसमें डेटा का आदान-प्रदान बेहतर होता है तथा accuracy अधिक होती है।

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  19. (Ans-02)

    E-commerce=वस्तुओं का electronic माध्यम से व्यापार करना ही E-commerce khlata hai.

    E-commerce ke prakar---

    1.B2B E-commerce=jab koi aek company Apne उत्पाद को दूसरे कंपनी को बेच देता है तो उसे बिजनेस टू बिजनेस E-commerce कहते हैं।
    2.B2C E-commerce=iska mtalb बिजनेस टू कंज्यूमर होता है। जो आम प्रकार का व्यापार है जहा कोई कंपनी अपने उत्पाद को सीधे-सीधे उपभोक्ता को बेच देता है।
    3.C2B E-commerce= बिजनेस to cnjoomear me उपभोक्ता अपने उत्पाद को कंपनी को बेच देता हैं।
    4.B2E E-commerce=


    5.C2C E-commerce=iska मतलब कंज्यूमर टू कंज्यूमर होता है जिसमें एक उभोक्ता दूसरे उपभक्ता को किसी वस्तु को बेच देता हैं।

    Roshan Lal
    ITI मगरलोड







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  20. (06) इसके नाम के अनुसार, B2B ई-कॉमर्स दो व्यवसायों (Business) के बीच किए गए लेनदेन से संबंधित है। जैसे अगर कोई कंपनी खुद कोई प्रोडक्ट नही बनाती है और किसी दूसरी कंपनी से खरीद कर फिर अपना समान बेचती है तो वो B2B के अंतर्गत आता है ।

    (07) ई-मार्केटिंग (इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग) को इंटरनेट मार्केटिंग, वेब मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग या ऑनलाइन मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है। ई-मार्केटिंग इंटरनेट का उपयोग करके किसी उत्पाद या सेवा के मार्केटिंग की प्रक्रिया है। E marketing में न केवल इंटरनेट पर मार्केटिंग शामिल है, बल्कि इसमें ई-मेल और वायरलेस मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग भी शामिल है। यह व्यवसायों को उनके ग्राहकों से जोड़ने में मदद करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग करता है। ई-मार्केटिंग एक प्रकार की मार्केटिंग है जो आधुनिक तकनीक जैसे इंटरनेट और मोबाइल के माध्यम से पूरी होती है। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप ई-मार्केटिंग का महत्व बढ़ गया है।ई-मार्केटिंग के कई तरीके हैं, और ई-मार्केटिंग के सभी प्रकारों और तरीकों को जानना बेहतर है, सही तरीके का चयन करें जो आपके मार्केटिंग अभियान में सफलता प्राप्त करें।

    PUSHPJEET SAHU I.T.I. MAGARLOD

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  21. 8.भीम एप____
    जिसका पूरा नाम Bharat interface for Money है यह किसी को आनलाइन पैसा transfer karne k liye kiya jata sakta Hai. uske UPI payment address par .
    सरकार भीम एप का इस्तेमाल बढ़ने के लिए 900 करोड़ रुपए कैशबैक और इनसेंटिव देगी।
    यह एप यूपीआइ पर चलता है।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2016 में भीम एप को लांच किया था
    मनीष कुमार

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  22. ई-कॉमर्स:- ई-कॉमर्स को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स भी कहते हैं, इसमें इंटरनेट व कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से उत्पादों या सेवाओं के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ई-कॉमर्स कहते हैं।
    ई-कॉमर्स के प्रकार:-ई-कॉमर्स के पांच प्रकार हैं।1.B2B = Business to Business. 
    2.B2C = Business to Consumer. 
    3.C2B = Consumer to Business. 
    4.C2C = Consumer to Consumer.
    5.B2E = Business to Employee.
    1.बिज़नेस-टू-बिज़नेस यह दो व्यवसायों के बीच एक संबंध है जहां एक कंपनी अपने उत्पाद को दूसरी कंपनी को बेचती है।

    2.बिजनेस-टू-कंज्यूमर यह सबसे आम प्रकार का व्यवसाय है जहां कोई कंपनी अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ता को बेचती है।
    3.कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर इस मॉडल में, एक उपभोक्ता दूसरे उपभोक्ता को एक उत्पाद बेचता है।
    4.कंज्यूमर-टू-बिजनेस इस मॉडल में एक कंज्यूमर दूसरे बिजनेस को कुछ बेचता है। उदाहरण कि आप एक प्रसिद्ध YouTuber हैं, इसलिए आप एक उपभोक्ता हैं, लेकिन आप अपने विज्ञापन स्थान विज्ञापनदाताओं (व्यवसाय) को बेचते हैं।
    5.बिजनेस टू एंप्लॉय यह एक इंट्राबिजनेस नेटवर्क का प्रयोग करता है, जो कंपनीज उनके कर्मचारियों को उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराने कि अनुमति प्रदान करता हैं।
    Nirmla Sahu magarlod

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  23. (08) BHIM का पूरा नाम BHARAT INTERFACE FOR MONEY है. NPIC इसका निर्माण किया है. इसमे UPI एक पेमेंट करने का सिस्टम है जो की भीम एप्प पर कम करता है. इससे आप एक बैंक खाते से दो खातों के बिच पैसे भेज या प्राप्त कर सकते है. बैंक खाते में आपका मोबाइल नंबर जुड़ा होना चाहिए अन्यथा आपका UPI पिन जनरेट नहीं होगा.
    30 दिसम्बर 2016 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका विमोचन किया था. भीम एप्प का नाम भीमराव अम्बेडकर जी के नाम पर रखा गया है. यह एप्प फ़िलहाल 12 भाषों में संचालित है.

    (09) ई-कॉमर्स साइट इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का उपयोग करती हैं, जब आप सामान और सेवाएँ ऑनलाइन खरीदते हैं, तो आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करके उनका भुगतान करते हैं। नकद या चेक का उपयोग किए बिना भुगतान के इस तरीके को ई-कॉमर्स भुगतान प्रणाली कहा जाता है और इसे ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के रूप में भी जाना जाता है। इंटरनेट-आधारित बैंकिंग और खरीदारी के बढ़ते उपयोग ने विभिन्न ई-कॉमर्स भुगतान प्रणालियों में वृद्धि की है और सुरक्षित ई-भुगतान लेनदेन को बढ़ाने, सुधारने और प्रदान करने के लिए तकनीकी विकसित की गई है।
    E-Commerce के भुगतान प्रणाली के प्रकार
    1. क्रेडिट कार्ड-ई-कॉमर्स लेनदेन के लिए सबसे लोकप्रिय भुगतान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होता है। इसका उपयोग करना सरल है| क्रेडिट कार्ड छोटा प्लास्टिक कार्ड होता है जिसमें एक खाते के साथ एक अनोखी संख्या जुड़ी होती है। इसमें एक चुंबकीय पट्टी भी लगी हुई है जिसका उपयोग कार्ड रीडर के माध्यम से क्रेडिट कार्ड पढ़ने के लिए किया जाता है। जब कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उत्पाद खरीदता है, तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता बैंक ग्राहक की ओर से भुगतान करता है और ग्राहक के पास एक निश्चित समय अवधि होती है जिसके बाद वह क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान कर सकता है। यह आमतौर पर क्रेडिट कार्ड मासिक भुगतान चक्र है।
    2. डेबिट कार्ड-डेबिट कार्ड भारत का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स भुगतान माध्यम है। जो ग्राहक अपनी वित्तीय सीमा के भीतर ऑनलाइन खर्च करना चाहते हैं, वे अपने डेबिट कार्ड से भुगतान करना पसंद करते हैं। डेबिट कार्ड के साथ, ग्राहक केवल उस पैसे से खरीदे गए सामान का भुगतान कर सकता है जो उसके बैंक खाते में पहले से ही उपलब्ध है, इसमें खरीदार जो राशि खर्च करता है, उसके पास बिल भेजा जाता है और उसे बिलिंग अवधि के अंत तक भुगतान करना पड़ता हैं|
    3. नेटबैंकिंग-यह ई-कॉमर्स भुगतान करने का एक और लोकप्रिय तरीका है। यह ग्राहक के बैंक से सीधे ऑनलाइन खरीद के लिए भुगतान करने का एक सरल तरीका है। यह पैसे देने के लिए डेबिट कार्ड के समान विधि का उपयोग करता है जो पहले से ही ग्राहक के बैंक में है। नेट बैंकिंग के लिए उपयोगकर्ता को भुगतान उद्देश्यों के लिए कार्ड की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उपयोगकर्ता को नेट बैंकिंग सुविधा के लिए अपने बैंक के साथ पंजीकरण करना होता हैं खरीद को पूरा करते समय ग्राहक को केवल अपने नेट बैंकिंग आईडी और पिन को डालना पड़ता हैं|


    PUSHPJEET SAHU I.T.I. MAGARLOD

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  24. (10)डिजिटल सिग्नेचर एक डिजिटल मैसेज या डॉक्यूमेंट की प्रामाणिकता को प्रदर्शित करने के लिए एक गणितीय योजना है। एक वैध डिजिटल सिग्नेचर एक प्राप्तकर्ता को यह विश्वास देता है कि मैसेज एक ज्ञात प्रेषक द्वारा बनाया गया था| यह Digitally Sign किया हुआ एक विशेष कोड होता है जिसका उपयोग किसी भी ऑनलाइन डॉक्यूमेंट की प्रमाणिकता के लिए किया जाता है। डिजिटल सिग्नेचर हाथ के द्वारा किये गए सिग्नेचर की तरह ही होता है परन्तु हाथ के द्वारा किये गए सिग्नेचर विश्वसनीय तथा सुरक्षित नही होते हैं जबकि डिजिटल सिग्नेचर विश्वसनीय तथा सुरक्षित होते है।प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर कुछ प्रकार के एन्क्रिप्शन पर निर्भर करते हैं। डिजिटल सिग्नेचर public key cryptography की विधि पर आधारित है। इसमें दो keys का प्रयोग किया जाता है। message को encrypt करने वाली key को public के लिए रखा जाता है और message को decrypt करने वाली key को secret रखा जाता है।ई-कॉमर्स, सॉफ्टवेयर डिस्ट्रीब्यूशन, वित्तीय लेनदेन और अन्य स्थितियों में डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाता है जो जालसाजी या छेड़छाड़ का पता लगाने वाली तकनीकों पर निर्भर करते हैं। एक डिजिटल सिग्नेचर को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर के रूप में भी जाना जाता है|


    PUSHPJEET SAHU I.T.I. MAGARLOD

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  25. (Ans-04)

    E-commerce ke लाभ=
    1. डिजीटल भुक्तान की सुविधा।
    2. किसी भी समय खरीदी करने की सुविधा।
    3. ग्राहक को मूल्य की तुलना करने में skcham बनता है।
    4. व्यापार प्रक्रिया को सरल बनता है।
    5. उत्पादों की लागत कम करने में मदद करता हैं।

    E-commerce ke हनी =
    1. खराब क्वालिटी की प्रोडक्ट घर आने का रिस्क रहता है।
    2. पर्सनल जनकरी चोरी होने का रिस्क रहता है।
    3.कभी कभी प्रोडकत घर आने में देरी हो जाती है जिस कारण नुकसान हो सकता है।
    4. Roshan Lal
    ITI मगरलोड

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  26. (05)EDI का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज(electronic data interchange) है। यह एक ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम है जिसमें कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करते है। क्योंकि डेटा को ट्रान्सफर करने में paperwork नही करना पड़ता है इसलिए इसमें किसी मनुष्य के हस्तक्षेप की आवश्यकता नही पड़ती है।आजकल EDI का प्रयोग सबसे ज्यादा B2B e-commerce में किया जाता है। EDI के द्वारा बहुत ही अधिक डेटा का ट्रान्सफर किया जाता है जिसके कारण इसमें डेटा को bidirectional फॉर्मेट में व्यवस्थित किया जाता है।
    लाभ-
    1.EDI की अनुकूलनशीलता संचार के प्रवाह को सुव्यवस्थित करती है और आम तौर पर किसी भी व्यापारिक भागीदार के साथ व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाती है।
    2.इसमें डाक्यूमेंट्स को ट्रान्सफर करने में समय बहुत ही कम लगता है क्योंकि डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रान्सफर होता है।
    3.इसमें डेटा को आसानी से exchange कर सकते है अर्थात् इसमें technical complexity कम हो जाती है।
    4.इसमें पेपर वर्क नही करना पड़ता है।
    5.इसमें डेटा का आदान-प्रदान बेहतर होता है तथा शुद्धता अधिक होती है।


    (04)ई-कॉमर्स के प्रमुख लाभ-
    1.ई-कॉमर्स कंपनी की ब्रांड छवि को बेहतर बनाता है ।
    2.ई-कॉमर्स संगठन को बेहतर ग्राहक सेवाएं प्रदान करने में सहायता करता है ।
    3.ई-कॉमर्स व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उन्हें तेज़ और कुशल बनाने में मदद करता है ।
    4.ई-कॉमर्स कागज काम बहुत कम कर देता है ।
    5.ई-कॉमर्स ने संगठन की उत्पादकता में वृद्धि की ।
    ई-कॉमर्स के प्रमुख हानि-
    1.प्रतियोगिता स्थिति को विचारने में असमर्थ होते है |
    2.वातावरण की प्रक्रिया का पूर्वानुमान करने में अक्षमता होती है |
    3.उपभोक्ताओ को यह समझने में असफलता होती है की वे ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करे |
    4.बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह की फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए इन्टरनेट का प्रयोग नही करते है |
    5.इच्छित प्रोडक्ट्स के लिए बहुत साडी कॉल्स तथा E-mail की आवश्यकता हो सकती है जो काफी खर्चो को बड़ा देती है|


    PUSHPJEET SAHU I.T.I. MAGARLOD

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  27. (Ans-05)

    EDI=iska pura name electronic data interchange Hai.Jo ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम है जिसमें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर मैं डाटा को बिना किसी पेपर work के भेजा जा सकता है।
    EDI के लाभ=
    1. इसमें डॉक्यूमेंट ट्रांसफर करने में कम समय लगता है।
    2. इसमें पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
    3. डाटा ट्रांसफर कम कीमत होता है।

    Roshan Lal
    ITI मगरलोड

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  28. (Ans-06)
    B2C=इसका मतलब बिजनेस 2 कंजूमर से होता है जो सबसे आम प्रकार का व्यवसाय है। जहां कोई कंपनी अपने उत्पाद को सीधे उपभोक्ता को बेचती है।
    उद्धरण=सैमसंग एक कंपनी है जो अपने द्वारा बनाए गए मोबाइल को उपभोक्ता को बेचती है।

    Roshan Lal
    iTi मगरलोड

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  29. 9.इ-कामर्स भुगतान प्रणाली___
    ई-कॉमर्स साइट्स इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का उपयोग करतीं हैं जब आप समान और सेवाएं आनलाइन
    खरीदते हैं, तो आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग कर के उनका भुगतान करते हैं,नगद या चेक का उपयोग किए बिना भुगतान के इस तरीके को ई-कॉमर्स भुगतान प्रणाली कहते हैं।
    भुगतान प्रणाली के अनुसार ही इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के भी निम्नलिखित प्रकार है__
    1.instant paid or cash __
    इसमें ट्रांजेक्शन इलेक्ट्रॉनिक करेन्सी के विनिमय से होता है online currency exchange का एक उदाहरण इ-कैश है।
    Pre paid or debit __
    इसमें प्रयोगकताओ को पहले भुगतान करना होता है, उसके बाद ही वे कोई उत्पादन अथवा सेवाओं
    खरीद सकते है।
    . नेटवेस्ट डेबिट कार्ड अच्छी प्रकार से कार्य करता है। वास्तव में, यह सेवाओं के लिए भुगतान या विदेशी नकद निकालने के लिए सबसे सुरक्षित और सरल विधियों में से एक है
    . post paid or credit__
    इस भुगतान प्रणाली में प्रयोगकताऔ को कोई उत्पादन अथवा सेवाओं खरीदने और उसके बाद उसका भुगतान करने की अनुमति होती है। पोस्ट- पेड भुगतान क्रिया विधि के उदाहरण, क्रेडिट कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक चैक्स है।
    यह एक छोटा प्लास्टिक कार्ड होता है इसे उधार भी कहा जाता है,जो एक विशिष्ट भुगतान प्रणाली के उपयोग को जारी किए जाते है।
    .. रिकार्ड कहीं स्टोर हो जाता है, इसे ईडीपी प्रोसेसिंग अथवा इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग कहते हैं
    . अन्य भुगतान प्रणाली निम्न हैं___
    1. डिजिटल वालेट ।
    2.नेट बैंकिंग।
    3.मोबाइल पेमेंट।
    4. EFT ।
    5.डेबिट डायरेक्ट ।

    मनीष कुमार

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  30. (Ans-08)
    BHIM App=इसका पूरा नाम "Bharat Interface of money"है। भारत सरकार ने वित्तीय लेन देन हेतु बनाया है इसको निखिल कुमार व उनके साथियों ने 30 दिसंबर 2016 को बनाकर भारत सरकार को सौंपा था।

    Roshan Lal
    ITI मगरलोड

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  31. उत्तर(6)
    व्यवसाय से ग्राहक मॉडल व्यवसाय या अंतिम या अंतिम उपभोक्ता के बीच लेनदेन से संबंधित है। इस मॉडल में मुख्य रूप से रिटेलर ई-कॉमर्स ट्रेड शामिल है भौतिक भंडारो का उन्मूलन इस मॉडल के लिए सबसे बड़ा औचित्य है।
    जब हम b2कॉल का संदर्भ देते है तो पांच अलग-अलगके व्यवसाय होते है।
    (1) प्रत्यक्ष विक्रेता
    (2)ऑनलाइन बेचना
    (3)विज्ञापन के आधार
    (4)समुदाय आधारित
    (5) शुल्क आधारित

    B2C उत्पाद
    ये वे उत्पाद है जिन्हें उपभोक्ता द्वारा अपने निजी लाभ के लिए खारीदे जाने के लिए डिजाइनकिया जाता है।
    B2C उत्पादो के कुछ उदाहरण मूवी / टी वी स्ट्रीमिंग सेवाएं या कपड़े है।

    परंपरागत रूप से b2c- थीम वाली कंपनियां स्थानी शॉपिंग मॉल में उपभोक्ताओं को बेचते हैं। कपड़े उपहार खिलौने इत्यादि का स्टाक करते हैं।

    B2C ई-कॉमर्स के व्यवसाय जिसमे उपभोक्ता एवं ग्राहकोंको व्यवसाय के माध्यम से सप्ताह मे सातो दिन तथा दिन में 24 घंटे सेवाएं मिलती रहे। यह कार्य इंटरनेट के माध्यम से संपन्न होता है वक्ताओं के लिए एक नई वस्तु है।


    Dumesh kumar आई. टी. आई मगरलोड

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  32. (Ans-09)

    E-commerce भुगतान प्रणाली=याह एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा किसी खरीदे गए सामग्री का भुगतान सीधे इंटरनेट के द्वारा किया जा सकता है
    जैसे-क्रेडिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड आदि
    प्रकार=
    1.Instant paid or cash इसमें ट्रांजैक्शन इलेक्ट्रॉनिक करेंसी के विनिमय से होता है।
    2.pre paid or debit इसमें प्रयोगकरता को पहले भुगतान करना होता है उसके बाद ही वे कोई उत्पाद अथवा सेवाएं खरीद सकते हैं।
    3.Nat West= यह सेवाओं के लिए भुगतान या विदेशी नकद निकालने के लिए सबसे सुरक्षित और सरल विधियों में से एक है।
    4.postpaid or credit=is bhugtan pranali me उपयोगकर्ता को कोई उत्पाद अथवा सेवाएं खरीदने और उसके बाद भुगतान करने की अनुमति होती है।

    Roshan Lal
    ITI मगरलोड

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  33. 1.edi- electronic data interchange
    Seo- seach engine optimization
    Eft- electronic fand transfer
    Set- secure electronic transaction
    Plm- preservation layer model

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  34. 1.edi- electronic data interchange
    Seo- seach engine optimization
    Eft- electronic fand transfer
    Set- secure electronic transaction
    Plm- preservation layer model
    Janki thakur iti mgl

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  35. 2.e- commerce ka arth enternet ke madhym se vastuo aur sevao ko kharidna aur bechna h
    E- commerce ke prakar
    1.b2b 2.b2c 3.c2b 4.c2c 5.b2a 6.c2a
    Janki thakur iti mgl

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  36. उत्तर क्रमांक 8
    BHIM APP का पूरा नाम bharat Interface for money है। NCPI( नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया)है।
    21दिन मे 27साल के निखिल ने online Bhim को 15 मिलियन लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

    मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने ऑनलाइन डिजिटलहोने के बारे मे सोचा तब USSD और UPL का विकल्प मौजूद था, लेकिन ऐसा शब्द लोगों के मन में कंफ्यूजन हो सकते हैं। और आसान पेमेंट मेथड की जरूरत है। नवंबर के आखिरी हफ्तेमे app के बारे मे प्लानिंग की गई और भीम ऐप का जन्म का कारण हुआ।

    8नवंबर नोटबंदी के बाद प्रधान मंत्री ने डिजिटल पेमेंट का आइडिया सुझाया। 30 दिसंबर 2016 को भीम ऐप का जन्म।

    सरकार भीम का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए 900 कड़ोर रूपये का कैश बैंक का इनसेप्टिव देगी। यह यूपीआई( यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पर चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2016 में भीम एप को लांच किया था।

    आप इस मदद से आप किसी को भी (24×7×365) ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर सकते है। अगर आपके पास और जिसे आप को भेजने है। उसके पास app पेमेंट एड्रेस हैतो आप एड्रेस का यूज करके किसी को भेज सकते है और किसी से पैसे भेजवा सकते हैं
    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  37. उत्तर क्रमांक 8
    BHIM APP का पूरा नाम bharat Interface for money है। NCPI( नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया)है।
    21दिन मे 27साल के निखिल ने online Bhim को 15 मिलियन लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

    मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने ऑनलाइन डिजिटलहोने के बारे मे सोचा तब USSD और UPL का विकल्प मौजूद था, लेकिन ऐसा शब्द लोगों के मन में कंफ्यूजन हो सकते हैं। और आसान पेमेंट मेथड की जरूरत है। नवंबर के आखिरी हफ्तेमे app के बारे मे प्लानिंग की गई और भीम ऐप का जन्म का कारण हुआ।

    8नवंबर नोटबंदी के बाद प्रधान मंत्री ने डिजिटल पेमेंट का आइडिया सुझाया। 30 दिसंबर 2016 को भीम ऐप का जन्म।

    सरकार भीम का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए 900 कड़ोर रूपये का कैश बैंक का इनसेप्टिव देगी। यह यूपीआई( यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पर चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2016 में भीम एप को लांच किया था।

    आप इस मदद से आप किसी को भी (24×7×365) ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर सकते है। अगर आपके पास और जिसे आप को भेजने है। उसके पास app पेमेंट एड्रेस हैतो आप एड्रेस का यूज करके किसी को भेज सकते है और किसी से पैसे भेजवा सकते हैं
    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  38. उत्तर क्रमांक 8
    BHIM APP का पूरा नाम bharat Interface for money है। NCPI( नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया)है।
    21दिन मे 27साल के निखिल ने online Bhim को 15 मिलियन लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

    मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने ऑनलाइन डिजिटलहोने के बारे मे सोचा तब USSD और UPL का विकल्प मौजूद था, लेकिन ऐसा शब्द लोगों के मन में कंफ्यूजन हो सकते हैं। और आसान पेमेंट मेथड की जरूरत है। नवंबर के आखिरी हफ्तेमे app के बारे मे प्लानिंग की गई और भीम ऐप का जन्म का कारण हुआ।

    8नवंबर नोटबंदी के बाद प्रधान मंत्री ने डिजिटल पेमेंट का आइडिया सुझाया। 30 दिसंबर 2016 को भीम ऐप का जन्म।

    सरकार भीम का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए 900 कड़ोर रूपये का कैश बैंक का इनसेप्टिव देगी। यह यूपीआई( यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पर चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2016 में भीम एप को लांच किया था।

    आप इस मदद से आप किसी को भी (24×7×365) ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर सकते है। अगर आपके पास और जिसे आप को भेजने है। उसके पास app पेमेंट एड्रेस हैतो आप एड्रेस का यूज करके किसी को भेज सकते है और किसी से पैसे भेजवा सकते हैं
    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  39. 5edi ek standardized trika hota h data
    Transferring krne ke liye alg - alg computer sytems aurcomputer networking ke bich ese sabse jyada e- commerce purpose me estemal Kiya jatha h

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  40. 7.e-marketing enternet ka upyog krkr kiss iutpad ya Seva ke marketing ki prakriya h e- marketing me n keval enternet par marketing samil h blki Esme e - mail aur vayerles midiya ke madhym se marketing bhi samil h
    Janki thakur iti mgl

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  41. उत्तर 1

    (1) EDI- इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज
    (2) SEO- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
    (3) EFT- इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर
    (4) SET- स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट
    (5) PLM- प्रोडक्ट लाइफ साइकिल मैनेजमेंट

    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  42. उत्तर 1

    (1) EDI- इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज
    (2) SEO- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
    (3) EFT- इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर
    (4) SET- स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट
    (5) PLM- प्रोडक्ट लाइफ साइकिल मैनेजमेंट

    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  43. 8. Bhim app- Bharat interface for Money
    Vittiy lenden hetu bharBh sarkar ke
    Upkram bhartiy rastiy bhugtan nigm bvara
    Aarmbh Kiya gya ek mobail app h bhim app ko npcl ne 30 Dec 2016 ko devlop Kiya
    Eska nam b.r ambedkar ke nam par rkha gya h
    Janki thakur iti mgl

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  44. 10. Digital certificate - yah online internet ke dvara kiye gye vibhin karyo
    Ko phchnne ke liye Kiya jata h yah hme sbhi prakar ke online karyo ko high level ki security provide krta h esme certificate jari krne vali authority ke
    Digital signature available hotel h
    Janki thakur iti mgl

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  45. उत्तर क्रमांक-3
    ई-कॉमर्स के घटक-: ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार का संचालन करता है ना केवल खरीदना या बेचना बल्कि ग्राहकों के लिए सेवाओं और व्यापार उपलब्ध कराना है।
    इनके घटक जैसे कोई समान ऑनलाइन ऑर्डर किया हो और कुछ और का ऑर्डर किया हो और कुछ और दे दिया जाए तो आपको मनपसंद चीज सही समय पर नहीं मिल पाता एक्सचेंज तो हो जाता है पर मनपसंद चीज का समय पर नहीं मिल पाना ही ई कॉमर्स का घटक है।
    Nirmla Sahu magarlod

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  46. उत्तर क्रमांक -4
    ई -कॉमर्स से 5लाभ-:
    1. यह उपभोक्ताओं को किसी भी समय में लेन देन की गतिविधि को सक्षम बनाता है।
    2.ई - कॉमर्स के द्वारा ग्राहक के लिए इंटरनेट पर अनेक प्रकार के उत्पादों व सेवाओं से संबंधित विकल्प उपलब्ध है।
    3.ई - कॉमर्स ,ग्राहकों को मूल्य की तुलना करने में सक्षम बनाता है।
    4. यह नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस एक्टिविटीज का डिमांड बढ़ाता है।
    5. ऑनलाइन शॉपिंग सामान्यता अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपरिक शॉपिंग की अपेक्षा टाइम सेविंग होती हैं।
    ई -कॉमर्स से 5 हानियां-:
    1. प्रतियोगिता स्थिति को विचारने में असमर्थ होते है।
    2.वातावरण की प्रक्रिया का पूर्व अनुमान करने में अक्षमता होती है।
    3.उपभोक्ताओ को यह समझने में असफलता होती है कि वे ई-कामर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करें।
    4.बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह की फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए इंटरनेट का प्रयोग नहीं करते है।
    5.ई-कॉमर्स का प्रयोग मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है।



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  47. उत्तर क्रमांक -4
    ई -कॉमर्स से 5लाभ-:
    1. यह उपभोक्ताओं को किसी भी समय में लेन देन की गतिविधि को सक्षम बनाता है।
    2.ई - कॉमर्स के द्वारा ग्राहक के लिए इंटरनेट पर अनेक प्रकार के उत्पादों व सेवाओं से संबंधित विकल्प उपलब्ध है।
    3.ई - कॉमर्स ,ग्राहकों को मूल्य की तुलना करने में सक्षम बनाता है।
    4. यह नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस एक्टिविटीज का डिमांड बढ़ाता है।
    5. ऑनलाइन शॉपिंग सामान्यता अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपरिक शॉपिंग की अपेक्षा टाइम सेविंग होती हैं।
    ई -कॉमर्स से 5 हानियां-:
    1. प्रतियोगिता स्थिति को विचारने में असमर्थ होते है।
    2.वातावरण की प्रक्रिया का पूर्व अनुमान करने में अक्षमता होती है।
    3.उपभोक्ताओ को यह समझने में असफलता होती है कि वे ई-कामर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करें।
    4.बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह की फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए इंटरनेट का प्रयोग नहीं करते है।
    5.ई-कॉमर्स का प्रयोग मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है।
    Nirmla Sahu magarlod



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  48. उत्तर क्रमांक -4
    ई -कॉमर्स से 5लाभ-:
    1. यह उपभोक्ताओं को किसी भी समय में लेन देन की गतिविधि को सक्षम बनाता है।
    2.ई - कॉमर्स के द्वारा ग्राहक के लिए इंटरनेट पर अनेक प्रकार के उत्पादों व सेवाओं से संबंधित विकल्प उपलब्ध है।
    3.ई - कॉमर्स ,ग्राहकों को मूल्य की तुलना करने में सक्षम बनाता है।
    4. यह नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस एक्टिविटीज का डिमांड बढ़ाता है।
    5. ऑनलाइन शॉपिंग सामान्यता अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपरिक शॉपिंग की अपेक्षा टाइम सेविंग होती हैं।
    ई -कॉमर्स से 5 हानियां-:
    1. प्रतियोगिता स्थिति को विचारने में असमर्थ होते है।
    2.वातावरण की प्रक्रिया का पूर्व अनुमान करने में अक्षमता होती है।
    3.उपभोक्ताओ को यह समझने में असफलता होती है कि वे ई-कामर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करें।
    4.बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह की फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन के लिए इंटरनेट का प्रयोग नहीं करते है।
    5.ई-कॉमर्स का प्रयोग मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है।
    Nirmla Sahu magarlod



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  49. उत्तर क्रमांक-6
    B2C= Business-to- Consumer
    बिजनेस -टू-कंज्यूमर ई-कामर्स को B2C ई कामर्स भी कहा जाता है। B2c ई-कामर्स में उत्पाद अथवा सेवाओं को कम्पनी के माध्यम से सीधे-सीधे उपभोक्ता को बेचा जाता हैं इसके अन्तर्गत एक व्यवसाय और एक उपभोक्ता के मध्य इलेक्ट्रॉनिक साधना के माध्य से लेन -देन होता है क्योंकि b2c ई-कॉमर्स के व्यवसाय का वास्तविक विकास इंटरनेट और इसके ग्राफिक आंरियण्टेड विश्वव्यापी वेब पर आधारित हैं। यह कार्य इंटरनेट के माध्यम मा माध्यम माध्यम से संपन्न होता है जोकि उपभोक्ता के लिए एक नई वस्तु है इसके अंतर्गत उपभोक्ता की ऑर्डर की प्रविष्ट तथा जांच करने से संबंधित कार्य करने होते हैं इस प्रकार की व्यवसाय में समय व धन की बचत होती है उपभोक्ता आधारित उद्योग -जैसे स्वास्थ्य -रक्षा दूरसंचार को ई -कामर्से से पर्याप्त लाभ मिलता है।
    Nirmla Sahu magarlod

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  50. उत्तर क्रमांक-5
    EDI-इसका पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज है इसमें एक standardized तरीका होता है जिसमें डाटा ट्रांसफर करने के लिए अलग अलग कंप्यूटर सिस्टम और कंप्यूटर नेटवर्क के बीच सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स का प्रयोग होता है।
    EDIसे लाभ-1.EDIतकनीक आपको कम मानव संसाधनों के साथ अधिक व्यवसायिक संचालन करने की सुविधा देती है।
    2.कंपनी की टीमें उच्च अतिरिक्त मूल्यवान कार्यों को संभाल सकती है।
    3.इसमें डेटा को आसानी से एक्सचेंज कर सत्ता सकते है।
    4.EDIदस्तावेज त्रुटियों को 30 से 40% तक कम कर देता है।
    Nirmla Sahu magarlod

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  51. उत्तर क्रमांक-9
    ई-कॉमर्स भुगतान प्रणाली-
    क्राय-विक्रय में धन भी सम्मिलित होता है इसलिए इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली का विकास किया गया है नगद और चैक की संपूर्ण प्रक्रिया के बिना इंटरनेट से समान और सेवाओं को खरीदने हेतु इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली प्रणाली अत्यंत सहायक और उपयोगी है क्रेडिट कार्ड, इलेक्ट्रॉनिक कैश ,इलेक्ट्रॉनिक चैक ,स्मार्ट कार्ड ,आदि के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किया जाता है।
    इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के प्रकार-
    1.Instant paid or cash- इसमें ट्रांजैक्शन इलेक्ट्रॉनिक करेंसी के विनिमय से होता है ।ऑनलाइन करेंसी विनिमय का उदाहरण इलेक्ट्रॉनिक कैश ,अथवाई- कैश है।
    2.Pre paid or debit -इसमें प्रयोगकर्ताओं को भुगतान करना होता है, उसके बाद ही वे कोई उत्पादन अथवा सेवाएं खरीद सकते है।
    3.Netwest debit card-नेटवेस्ट डेबिट कार्ड का उपयोग वस्तुओं तथा सेवाओं और नकदी समान वापस लेने के लिए दुनिया भर में किया जाता है।
    4.Postpaid or credit-इस भुगतान प्रणाली में प्रयोगकर्ताओं को कोई भीउत्पाद अथवा सेवाएं खरीदने और उसके बाद उसका भुगतान करने की अनचमति होता हैं।
    Nirmla Sahu magarlod

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  52. उत्तर 9

    इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली बिना कैस का प्रयोग करें रुपए का आदान-प्रदान कहलाता है।
    नेट बैंकिंग, फोन पे, गुगल पे, भीम एप इस सभी के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किया जाता है। जिसमे डेबिट कार्ड भी आते है कैस पेमेंट नहीं होता है ऑनलाइन पेमेंट होता है।


    इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के प्रकार-

    (1) Instant paid or kach इसमे ट्रांजैक्शन इलेक्ट्रॉनिक करेंसी के विनिमय से होता है। ऑनलाइन करेंसी विनिमय का एक उदाहरण, इलेक्ट्रॉनिक कैश है।

    (2) Pre paid or debit इसमे प्रयोग कर्ताओं को पहले भुगतान करना होता है, उसके बाद ही वे कोई उत्पादन या सेवाए खरीद सकते है।

    (3) नैटवेस्ट NetWest डेबिट कार्ड अच्छी प्रकार से कार्य करता है वास्तव में यहां सेवाओं के लिए भुगतान या विदेशी नगद निकालने के लिए सबसे सुरक्षित और सरल विधियो में से एक है।


    (4) Postpaid or cradit इस भुगतान प्रणाली मे प्रयोगकर्ताओं को कोई उत्पाद अथवा सेवा खरीदने और उसके बाद उसका भुगतान करने की अनुमति होती है। पोस्टपेड भुगतान क्रिया विधि के उदाहरण क्रेडिट कार्ड्स और इलेक्ट्रानिक चेक्स है।


    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  53. उत्तर क्रमांक 10

    डिजिटल सर्टिफिकेट एक इलेक्ट्रॉनिक "पासवर्ड "है जो एक व्यक्ति ऑर्गनाइजेशन को public key infrastructure (PKI) का उपयोग करके इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से डाटा का आदान प्रदान करने की अनुमति देता है।
    डिजिटल सर्टिफिकेट को Public key certificate या सर्टिफिकेट के रूप में भी जाना जाता है।

    डिजिटल सिग्नेचर डिजिटल कम्युनिकेशन मैं एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट या मैसेज की प्रायिकता की गारंटी देता है।
    ई-कॉमर्स सॉफ्टवेयर, डिस्ट्रीब्यूशन, वित्तीय लेनदेन और अन्य स्थितियों में डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाता है। जो जलसा जी छेड़छाड़ का पता लगाए वाली तकनीकों पर निर्भर करते हैं। एक डिजिटल सिगनेचर को इलेक्ट्रॉनिक सिगनेचर के रूप में जाना जाता है।
    डिजिटल सिग्नेचर यानी डिजिटल दस्तखत है जो कंपनी या व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करता है जिस तरह से व्यक्ति सामने दस्तखत करता है ठीक उसी तरह दे डिजिटल सिगनेज भी काम करता है बस फर्क इतना है कि यहां इस इंटरनेट द्वारा भेजे जाने वाले डॉक्यूमेंट में उपयोग किया जाता है।



    DUMESH KUMAR आई.टी.आई मगरलोड

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  54. उत्तर 10

    डिजिटल सर्टिफिकेट एक इलेक्ट्रॉनिक " पासवर्ड " है जो एक व्यक्ति ऑर्गनाइजेशन को public key infrastructure
    का उपयोग करके इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से डाटा का आदान प्रदान करने की अनुमति देता है डिजिटल सर्टिफिकेट को public key certificateके रूप में भी जाना जाता है।

    डिजिटल सिग्नेचर डिजिटल कम्युनिकेशन में एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट या मैसेज की प्रमाणिकता की गारंटी देता है।

    ई-कॉमर्स सॉफ्टवेय डिसटीब्यूशन वित्तीय लेनदेन और अन्य स्थितियों में डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाता है। जो जलसाजी छेड़छाड़ का पता लगाने वाली तकनीकों पर निर्भर करते हैं। एक डिजिटल सिगनेचर को इलेक्ट्रॉनिक सिगनेचर के रूप में जाना जाता है।

    Digital signature डिजिटल दस्तखत है। जो कंपनियां व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करता है। जिस तरह से व्यक्ति अपने दस्तखत करता है ठीक उसी तरह Digital signature भी काम करता है बस फर्क इतना है कि यह इसे इंटरनेट द्वारा भेजे जाने वाले डॉक्यूमेंट में प्रयोग किया जाता है।


    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  55. उत्तर 10

    डिजिटल सर्टिफिकेट एक इलेक्ट्रॉनिक " पासवर्ड " है जो एक व्यक्ति ऑर्गनाइजेशन को public key infrastructure
    का उपयोग करके इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से डाटा का आदान प्रदान करने की अनुमति देता है डिजिटल सर्टिफिकेट को public key certificateके रूप में भी जाना जाता है।

    डिजिटल सिग्नेचर डिजिटल कम्युनिकेशन में एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट या मैसेज की प्रमाणिकता की गारंटी देता है।

    ई-कॉमर्स सॉफ्टवेय डिसटीब्यूशन वित्तीय लेनदेन और अन्य स्थितियों में डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाता है। जो जलसाजी छेड़छाड़ का पता लगाने वाली तकनीकों पर निर्भर करते हैं। एक डिजिटल सिगनेचर को इलेक्ट्रॉनिक सिगनेचर के रूप में जाना जाता है।

    Digital signature डिजिटल दस्तखत है। जो कंपनियां व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करता है। जिस तरह से व्यक्ति अपने दस्तखत करता है ठीक उसी तरह Digital signature भी काम करता है बस फर्क इतना है कि यह इसे इंटरनेट द्वारा भेजे जाने वाले डॉक्यूमेंट में प्रयोग किया जाता है।


    Dumesh kumar आई.टी.आई मगरलोड

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  56. उत्तर 1,
    Edi , इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज।
    Seo , सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन।
    Eft , इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर।
    Set , स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट।
    Plm , प्रोडक्ट लाइफ साइकिल मैनेजमेंट।
    Tikeshwari sahu

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  57. उत्तर 2, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स को ई-कॉमर्स व ईकॉम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें इंटरनेट व कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से क्रय विक्रय होने का भी आभास होता है जबकि इसके माध्यम से विकास या क्रियाएं मार्केटिंग, delivering, सर्विसिंग और भुगतान जैसे क्रियाएं भी संभव है।
    इसके प्रकार, वस्तुओं का इंटरनेट व्यापार।
    व्यापार संबंधित समस्त पदों का समावेश जैसे ऑनलाइन मार्केटिंग, भुगतान और डिलीवरी में सहायता करना।
    विक्रय सेवा की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था पर ऑनलाइन कानूनी साझा करना।

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