बिलासपुर जिला अस्पताल में अव्यवस्था चरम पर, पैथोलॉजी लैब में गर्भवती महिला और आम मरीज एक ही लाइन में-

 बिलासपुर जिला अस्पताल में अव्यवस्था चरम पर, पैथोलॉजी लैब में गर्भवती महिला और आम मरीज एक ही लाइन में-



क्या मैं आप की कोई मदद कर सकता हूं- नही, जिला अस्पताल बिलासपुर, पूछताछ काउंटर में नही मिलते जानकारी देने वाले- 


बिलासपुर। (अनिल कुमार पाली) बिलासपुर जिले में स्वास्थ सुविधा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिला अस्पताल का निर्माण किया गया है, वर्तमान में मरीजों की बढ़ती संख्या और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नइ बिल्डिंग का निर्माण किया गया है जिसमें प्रवेश करते ही पूछताछ काउंटर खाली मिलेगा, पर्ची कटवाने के लिए महिला-पुरुष के लाइन अलग-अलग है लेकिन काउंटर में सिर्फ एक ही महिला कर्मचारी पर्ची काट रही है जिससे गर्भवती महिलाओं को देर तक लंबी लाइन में लगना पड़ता है, पर व्यवस्था देखने वाला कोई नही, मरीजों की सुविधाओं के लिए ऑनलाइ टोकन की व्यवस्था के पोस्टर देखने को मिल जाएंगे लेकिन न तो कोई ऑनलाइन टोकन लेने वाले मरीज है, न ही कोई ऑनलाइन टोकन कटवाने की जानकारी देने वाला जिसके कारण टोकन काउंटर से लेकर ओपीडी तक लंबी कतार लगी रहती है।



सबसे ज्यादा भीड़ सोनोग्राफी कक्ष और पैथोलॉजी कक्ष में लगती है, इसके बाद भी पैथोलॉजी रूम में गर्भवती महिला, पुरूष, जर्नल टेस्ट कराने आने वाले सभी को एक ही लाइन में लगा दिया जाता है जिससे स्थिति गंभीर बनी रहती है, दूर से आई हुई महिलाओं ने बताया कि गर्भ अवस्था में महिला पुरूष को एक ही लाइन में खड़ा कर दिया जाता है, लंबे समय तक खड़े रहने से चक्कर आके गिर जाते है, इस तरह की अव्यवस्था के कारण लाइन में लगे लोगो के बीच में आपस में ही झगड़ा हो जाता है।



नई बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर स्त्री रोग जांच के लिए ओपीडी में टोकन नंबर सिस्टम से चेकप के लिए महिलाओं को बुलाया जाता है, लेकिन जांच करने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का नेम प्लेट कही लगा नही मिला, स्त्री रोग ओपीडी में गर्भवती महिलाओं को खड़े होकर अपनी समस्या डॉ को बतानी होती है, डॉ समस्या सुनने के बाद बिना मरीज की जांच किये पैथोलॉजी लैब भेज देते है जहाँ जांच कराते तक ओपीडी बंद हो जाता है, रिपोर्ट लेने का समय दोपहर 03 बजे के बाद का दिया जाता है इस तरह लोगो जांच रिपोर्ट लेने के लिए जिला अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है।



आप को बता दे कि जिला अस्पताल में ओपीडी सुबह और शाम दोनों समय खुलता है लेकिन समय पर ओपीडी में नही मिलते डॉ शाम के समय 4 बजे ओपीडी खुलने का समय है पर 4:30 तक ओपीडी के दरवाजे बंद मिले, रिपोर्ट के जांच करवाने वाले मरीज ओपीडी के बाहर ओपीडी खुलने का इन्तेजार करते खड़े रहें।



एक गर्भवती महिला से बात करने पर बताया कि पहली बार चेकप करवाने जिला अस्पताल पहुंची थी, पर जांच करवाते सुबह से शाम हो गया लेकिन जांच पूरी नही हो पाई, सुबह ओपीडी में जांच करने के बाद पैथोलॉजी की लंबाई लाइन में खड़ा होना पड़ा, पैथोलॉजी की रिपोर्ट 03 बजे के बाद मिलती है, शाम 04 बजे ओपीडी खुलने का समय है लेकिन 04 से ज्यादा समय होने के बाद भी ओपीडी नही खुला इस तरह जिला अस्पताल में चेकप करना कोई संघर्ष से कम नही है।


और एक तरफ सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है पर जमीनी स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा उन योजनाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही है।


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