अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वेक्षण म अपन महतारी भासा छत्तीसगढ़ी जेन लिखही ओही ह ठेठ छत्तीसगढ़िया होही-

 महतारी भासा छत्तीसगढ़ी 



छत्तीसगढ़ी म लिखबो, छत्तीसगढ़ी ल पढ़बो, छत्तीसगढ़ी ल बउरबो, छत्तीसगढ़ी ल बगराबो



अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वेक्षण म अपन महतारी भासा छत्तीसगढ़ी जेन लिखही ओही ह ठेठ छत्तीसगढ़िया होही-


छत्तीसगढ़ म अभी के बेरा म सबो कोती अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के सर्वेक्षण फार्म भरवात हे, जेम महतारी भासा के रूप म एक कालम जुडे हे, जेमा छत्तीसगढ़ के जतना छत्तीसगढ़िया भाई मन हे तेन मन ल अपन महतारी भासा के कालम म छत्तीसगढ़ी लिखना हे, जेखर से सरकार तक ये गोठ पंहुंचे के छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़िया मनखे मन अपन महतारी भासा के रूप म छत्तीसगढ़ी भासा ल बउरथे कोनो दूसर भासा दूसर प्रदेश के मनखे मन ले संपर्क के भासा बस हवय, ऐखर से आप मन के छत्तीसगढ़ी भासा के मान सम्मान बढ़ही अउ छत्तीसगढ़िया मन जेन मन छत्तीसगढ़ी बोले बर लजाथे तेन मन ल थोकिन तो लाज लगही के हमन अपन महतारी भासा ल भले भुला गे हन फेर छत्तीसगढ़ महतारी के लईका ठेठ छत्तीसगढ़िया मन अपन महतारी भासा ल नइ भुलाए हे, अउ अपन महतारी भासा के सम्मान करें बर तो जानथे। 

जइसने कोनो भी राज म उंहा के भासा मनखे मन के चिन-पहिचान होथे वइसने छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़िया मन के मन के महतारी भासा छत्तीसगढ़ी हवय, अउ एहि सही अवसर हे, मनखे मन तक अपन महतारी भासा ल बगराये के जेखर से छत्तीसगढ़िया मन के हक अधिकार के लड़ाई म छत्तीसगढ़िया मन जादा ले जादा जुड़ सकें। 


युवा कवि साहित्यकार 

अनिल कुमार पाली

तारबाहर बिलासपुर।

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