महतारी भाखा म पढ़ाई लिखाई के स्वागत करबो
छत्तीसगढ़ के स्कूल मन म अब हमर महतारी भाखा म पढ़ाई लिखाई होये के अगोरा हे, जतेक जल्दी हमर राज म महतारी भाखा म पढ़ाई लिखाई होही ओतेके जल्दी हमर राज के मनखे मन अउ सब्बो लईका मन के विकास होही ओखर संगे-संग हमर छत्तीसगढ़ी सांस्करीति के विकास घलोक होही, छत्तीसगढ़ म अतना अकन तिहार हे, गीत हे, जुन्ना नवा संस्करीति हे, जेखर बारे म इंहा के मनखे मन घलोक बने ले नइ जाने हे, काबर के नांनपन ले हमन ल हमर राज के लोक संस्करीति, साहित्य के जानकारी ल नइ पढ़ाये जाये, ना बताये जाथे, जेन थोड़ा बहुत महतारी ले घर के डोकरी दाई ले सुनथन ओहि ल जानथन, अउ ओहु ह स्कूल जाये के बाद पूरा धूल जाथे काबर की उँहा तो हमन ल छत्तीसगढ़ के तीज-तिहार के बारे म छत्तीसगढ़ के महान पुरखा के बारे म बताबे नइ करें, त कइसे जानही,लईका पान ले परदेशिया संस्करीति तिहार ल देखे बर मिलत हे ओखरे सेती ओहि कोती बोहा जाथन, फेर हमर भारत देश म सब्बो संस्करीति के सम्मान करना जरूरी हे तभो ले हमर छत्तीसगढ़ म हमरे संस्करीति के सम्मान नइ करे परदेशिया मन तेखरे सेती हमर संस्करीति ह गांवत जात हे, जइसे दूसर राज के तीज-तिहार ल बोली भाखा ल हमर राज म सब्बो मनखे मनाथे, वइसने हमर राज के तीज-तिहार ल दूसर राज के मनखे मन नइ मनाये, तेखर सेती सुरु ले स्कूल शिक्षा म छत्तीसगढ़ी भाखा म पढ़ाई- लिखाई होना चाहि, जेमा हमर छत्तीसगढ़ि के संस्करीति ल लईका मन पढ़ाना-चाहि चाहि, जेखर ले सब्बो मनखे सियान लईका ल हमर जुन्ना संस्करीति ल जाने के हमर राज के अमर शहीद पुरखा मन के जीवनी ल जाने के सुने के अउ पढ़े के अवसर मिलही, तभे छत्तीसगढ़ म जनमे महान पुरुष मन के गाथा पूरा विसब म फइल सकही, जेल सब्बो जगह छत्तीसगढ़िया मन बगराये के बुता करही, येखरे बर नांनपन ले हमर छत्तीसगढ़ के लईका मन ल स्कूल म छत्तीसगढ़ी भाखा म पढ़ाई के अधिकार मिलना चाहि, जेखर ले लईका मन के मानसिक विकास जल्दी हो सके, अउ अपन महतारी भाखा ल बने जान चिन्ह सके।
युवा कवि साहित्यकार
अनिल कुमार पाली, तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़
मो.7722906664
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महतारी भाखा म गोठियाबो-जय जोहार जय छत्तीसगढ़ |
छत्तीसगढ़ के स्कूल मन म अब हमर महतारी भाखा म पढ़ाई लिखाई होये के अगोरा हे, जतेक जल्दी हमर राज म महतारी भाखा म पढ़ाई लिखाई होही ओतेके जल्दी हमर राज के मनखे मन अउ सब्बो लईका मन के विकास होही ओखर संगे-संग हमर छत्तीसगढ़ी सांस्करीति के विकास घलोक होही, छत्तीसगढ़ म अतना अकन तिहार हे, गीत हे, जुन्ना नवा संस्करीति हे, जेखर बारे म इंहा के मनखे मन घलोक बने ले नइ जाने हे, काबर के नांनपन ले हमन ल हमर राज के लोक संस्करीति, साहित्य के जानकारी ल नइ पढ़ाये जाये, ना बताये जाथे, जेन थोड़ा बहुत महतारी ले घर के डोकरी दाई ले सुनथन ओहि ल जानथन, अउ ओहु ह स्कूल जाये के बाद पूरा धूल जाथे काबर की उँहा तो हमन ल छत्तीसगढ़ के तीज-तिहार के बारे म छत्तीसगढ़ के महान पुरखा के बारे म बताबे नइ करें, त कइसे जानही,लईका पान ले परदेशिया संस्करीति तिहार ल देखे बर मिलत हे ओखरे सेती ओहि कोती बोहा जाथन, फेर हमर भारत देश म सब्बो संस्करीति के सम्मान करना जरूरी हे तभो ले हमर छत्तीसगढ़ म हमरे संस्करीति के सम्मान नइ करे परदेशिया मन तेखरे सेती हमर संस्करीति ह गांवत जात हे, जइसे दूसर राज के तीज-तिहार ल बोली भाखा ल हमर राज म सब्बो मनखे मनाथे, वइसने हमर राज के तीज-तिहार ल दूसर राज के मनखे मन नइ मनाये, तेखर सेती सुरु ले स्कूल शिक्षा म छत्तीसगढ़ी भाखा म पढ़ाई- लिखाई होना चाहि, जेमा हमर छत्तीसगढ़ि के संस्करीति ल लईका मन पढ़ाना-चाहि चाहि, जेखर ले सब्बो मनखे सियान लईका ल हमर जुन्ना संस्करीति ल जाने के हमर राज के अमर शहीद पुरखा मन के जीवनी ल जाने के सुने के अउ पढ़े के अवसर मिलही, तभे छत्तीसगढ़ म जनमे महान पुरुष मन के गाथा पूरा विसब म फइल सकही, जेल सब्बो जगह छत्तीसगढ़िया मन बगराये के बुता करही, येखरे बर नांनपन ले हमर छत्तीसगढ़ के लईका मन ल स्कूल म छत्तीसगढ़ी भाखा म पढ़ाई के अधिकार मिलना चाहि, जेखर ले लईका मन के मानसिक विकास जल्दी हो सके, अउ अपन महतारी भाखा ल बने जान चिन्ह सके।
युवा कवि साहित्यकार
अनिल कुमार पाली, तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़
मो.7722906664
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