आई.टी.आई में कार्यरत मेहमान प्रवक्ता (प्रशिक्षण अधिकारी) कोरोना वायरस से प्रभावित आर्थिक रूप से
रायपुर । कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुवे राज्य में 13 मार्च से 31 मार्च तक छुट्टी घोषित की गई है जिसमें कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहने को कहा गया है। परंतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत मेहमान प्रवक्ताओं को संस्थान प्रमुख द्वारा संस्थान में उपस्थित होने की अनुमति नही दी गई है साथ मे 13 से 31 मार्च तक का वेतन काटने की बात कही गई है। (नियमित/ संविदा कर्मचारियों का पूरा वेतन दिया जाएगा)जिससे औधोगिक प्रशिक्षण संस्था में कार्यरत मेहमान प्रवक्ता मानसिक रूप से काफी परेशान नज़र आरहें है। कुछ संस्थानों में मेहमान प्रवक्ताओं द्वारा आई.टी.आई आने की बात कहने पर संस्था प्रमुख द्वारा आई.टी.आई नही आने और पमेंट नही बनाने की धमकी तक दी गई है। एक ही विभाग के अंदर कार्य कर रहें कर्मचारियों का अलग अलग नियम बनाया गया है, जिसका जिम्मेदार मेहमान प्रवक्ताओं ने विभाग को ठहराते हुवे भेद-भाव की रणनीति का नाम दिया है।
इसके बावजूद कोई भी संस्था प्रमुख लिखित में जवाब देने को तैयार नही है,जिसकी शिकायत मेहमान प्रवक्ताओं द्वारा माननीय मंत्री टी.एस सिंहदेव से करने की बात कह रहें है
इस स्तिथि से निपटने के लिए सभी संभाग के आक्रोशित मेहमान प्रवक्ताओं के द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर जॉइन डारेक्टर के पास आवेदन देने की बात कही है जिससे उन्हें होने वाली आर्थिक मानसिक नुकसान ना उठाना पड़े।
7 Comments
Guest lecturer ka sirf shoshan ho raha h aur adhikari manmani kar rahe h....
ReplyDeleteगढ़बो नवा छत्तीसगढ़
अति गम्भीर
ReplyDeleteबहुत ज्यादा भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा है,साथ में ही कार्य कर रहे नियमित और संविदा का वेतन दिया जायेगा मगर मेहमान प्रवक़ता का नही।
ऐसा लगता है जैसे मेहमान प्रवक्ता ही करोना वायरस को पैदा करने के जिम्मेदर हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतवाया जा रहा है।
कभी भी समय से वेतनमान नही मिलने के बाद भी ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे मेहमान प्रवक्ता के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए क्योंकि वे लोग कोई कोरोना पैदा करने वाले नहीं हैं।
अति गम्भीर
ReplyDeleteकोरोना वायरस का प्रभाव आई.टी.आई. में कार्यरत मेहमान प्रवक्ताओं (प्रशिक्षण अधिकारी) को आर्थिक रूप से हो रहा है- कोरोना वायरस छुट्टी में बैठा दिया गया है। विभाग का काम रहता है तो अनिश्चित टाइम तक मेहमान प्रवक्ताओ को आई.टी.आई. में रोक के रखता है। अभी जब छुट्टी दे दिया गया है फायदा मेहमान प्रवक्ताओं को हो रहा है तो नो काम नो पेमेंट कर दिया गया है।बहुत से मेहमान प्रवक्ताओं का घर इसी से चल रहा है उन्हें 17 दिन तक बैठा दिया गया है। वह 17 दिन तक क्या काम करेगा समझ नी आ रहा है।
ReplyDeleteकोरोना वायरस का दुष्प्रभाव रोजगार एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहे मेहमान प्रवक्ताओं के ऊपर देखने को मिला।
आधी अधूरी नौकरी समस्या का कारण है। जिसे विभाग ईमानदारी से निभा रहा है।
CG ke 70% ITI Collages Guest Lectures k bharose chal raha 10-15 Saalo se.... jisme savida employe bhi h....fir v vibhag ko koi matlab nahi hai...
ReplyDeleteSabhi kaam Guest Lectures se liya jata hai..jitna ki regular walo se b...
fir bhi time se payments nahi milta...bolne ko bas 10000 month hai jo regular TO hai unka 35000+ hai...
ye kaun sa pay scale hai...
मेहमान प्रवक्ता के साथ सरकार अमानवीय व्वहार
ReplyDeleteइस आवाज को सरकार तक जरूर पहूचाये
मेहमान प्रवक्ता इंसान नहीं हैं उनके परिवार नहीं हैं सिर्फ नियमित वालों के परिवार हैं।शासन नहीं बोल रहा बाहर करने के लिए हमारा विभाग ही अपनी जेब से वेतन भुगतान कर रहा है इसलिए बाहर किए गए हैं हम लोग।क्षमा चाहता हूँ,ऐसा टिप्पणी के लिए लेकिन परिवार के दर्द को देखकर ऐसा बोलना पड़ा।
ReplyDeleteअपने विचार सुझाव यहाँ लिख कर हमें भेजें।