कविता अकती तिहार अक्षय तृतीया

अकती तिहार 

हमर अकती तिहार


अकती के दिन बड शुभ होथे 
नवा काम करे अक्षय फल होथे 
परम शुभ अऊ सुख के वरदान 
तन म सतगुण के वास होथे 

गांव गवई म पुतरी पुतरा बिहाव 
आमा के डारा डुमर के छाव 
चना  गेहूं  महुआ  के घुघरी 
हांसत कुलकत पारा बस्ती गाव 

देख किसान खेती खार सवारय 
खातु माटी बन कचरा चतवारय
शुभ काम किसान के मन हरियाय
लकडी छेना अऊ पैरा भुसा धराय 

बैशाक शुक्ल अक्षय तृतीया अकती 
शुभ  काम  परशुराम  के  जयंती 
आज  के दिन  गंगा  बहे  धरती
अन्नपूर्णा  दाई  ह  लेहे अवतार 
अकती तिहार के सूपा सूपा जोहार 
     
अनिल जाॅगडे







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