पढ़िये कवि-अनिल जाॅगडे सरगांव (मुंगेली ) के अब्बड़ सुग्घर कविता- धरती भूईया के तैय भगवान


धरती भूईया के तैय भगवान 


धरती भूईया के तैय भगवान 
डाक्टर नर्स अऊ मजदूर जवान 

महमारी कोरोना बैरी बर 
बने हवव तुमन रखवार 
गिरे परे हपटे मनखे बर 
तुमन बने हवव पतवार 
समर्पण अऊ सेवा भाव के 
तुहर करम हे महान 
धरती भूईया के तैय भगवान 
डाक्टर नर्स अऊ मजदूर जवान ।।

दुख पिरा कतका सहिके 
ये जिनगी ल दाव लगाये
भुख पियास छुटे घर दुवार 
दहकत गरमी म तन तपाये 
कर्मवीर बने हवव योद्धा
तुहर कतका करव बखान 
धरती भूईया के तैय भगवान 
डाक्टर नर्स अऊ मजदूर जवान ।।

दिन रात तुहर करम गाथा 
इतिहास लिखाही तुहर नाम के 
जंग लडत हव बनके योद्धा 
मिलके हिम्मत अऊ विशवास के 
कोरोना काल म बने हव रक्षक 
जग म जान हे त जहान 
धरती भूईया के तैय भगवान 
डाक्टर नर्स अऊ मजदूर जवान ।।

अनिल जाॅगडे सरगांव (मुंगेली )

Post a Comment

0 Comments