छत्तीसगढ़ के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत मेहमान प्रवक्ताओं ने दायर की याचिका लगाई हाईकोर्ट में गुहार ---
छत्तीसगढ़ के 28 स्थानों पर 181 आईटीआई संचालित हो रही हैं जिसमें लगभग हर आईटीआई में तीन से चार मेहमान प्रवक्ता कार्यरत हैं जो पिछले कई सालों से ₹10000 में अपना गुजारा कर रहे है। जो कि बहुत मुश्किल से हो पाता है।
इस महंगाई के दौर पर यह 10000 रुपए कुछ नहीं है, फिर भी मेहमान प्रवक्ता पूरी निष्ठा से अपना कार्य कर रहे हैं परंतु यह ₹10000 भी इन मेहमा प्रवक्ताओं को हर महीने नहीं मिल पाता,
मेहमान पर वक्ताओं ने कई बार मुख्य सचिव डायरेक्टर इन सभी से मुलाकात की इन सभी को वेतन वृद्धि के लिए लेटर भी दिया, पर किसी ने इन्हें मान प्रवक्ताओं के लेटर पर ध्यान नहीं दिया।
तंग आकर मेहमान प्रवक्ताओं को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। मेहमान प्रवक्ताओं ने एडवोकेट मीना शास्त्री जी की शास्त्री के माध्यम से याचिका दायर की।
आईटीआई में कार्यरत नियमित, संविदा एवं मेहमान प्रवक्ताओं के मानदेय में बहुत ज्यादा अंतर है जहां नियमित को 35,000 से अधिक का वेतन मिलता है वही संविदा को 25 हजार से अधिक जबकि कई वर्षों से कार्यरत मेहमान प्रवक्ताओं को केवल ₹10000 ही मानदेय के रूप में प्राप्त होता है जो कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में कार्यरत सुरक्षा गार्ड के वेतन से भी कम है। जबकि मेहमान प्रवक्ताओं की शैक्षणिक योग्यता नियमित एवं संविदा के बराबर ही है।
इस प्रकरण पर गत माह जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल पीठ में सुनवाई हुई इसके बाद हाईकोर्ट ने सेक्रेटरी स्किल डेवलपमेंट एवं टेक्निकल एजुकेशन डायरेक्टर एंप्लॉयमेंट व रीजनल पीएफ कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
छत्तीसगढ़ के 28 स्थानों पर 181 आईटीआई संचालित हो रही हैं जिसमें लगभग हर आईटीआई में तीन से चार मेहमान प्रवक्ता कार्यरत हैं जो पिछले कई सालों से ₹10000 में अपना गुजारा कर रहे है। जो कि बहुत मुश्किल से हो पाता है।
इस महंगाई के दौर पर यह 10000 रुपए कुछ नहीं है, फिर भी मेहमान प्रवक्ता पूरी निष्ठा से अपना कार्य कर रहे हैं परंतु यह ₹10000 भी इन मेहमा प्रवक्ताओं को हर महीने नहीं मिल पाता,
मेहमान पर वक्ताओं ने कई बार मुख्य सचिव डायरेक्टर इन सभी से मुलाकात की इन सभी को वेतन वृद्धि के लिए लेटर भी दिया, पर किसी ने इन्हें मान प्रवक्ताओं के लेटर पर ध्यान नहीं दिया।
तंग आकर मेहमान प्रवक्ताओं को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। मेहमान प्रवक्ताओं ने एडवोकेट मीना शास्त्री जी की शास्त्री के माध्यम से याचिका दायर की।
आईटीआई में कार्यरत नियमित, संविदा एवं मेहमान प्रवक्ताओं के मानदेय में बहुत ज्यादा अंतर है जहां नियमित को 35,000 से अधिक का वेतन मिलता है वही संविदा को 25 हजार से अधिक जबकि कई वर्षों से कार्यरत मेहमान प्रवक्ताओं को केवल ₹10000 ही मानदेय के रूप में प्राप्त होता है जो कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में कार्यरत सुरक्षा गार्ड के वेतन से भी कम है। जबकि मेहमान प्रवक्ताओं की शैक्षणिक योग्यता नियमित एवं संविदा के बराबर ही है।
इस प्रकरण पर गत माह जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल पीठ में सुनवाई हुई इसके बाद हाईकोर्ट ने सेक्रेटरी स्किल डेवलपमेंट एवं टेक्निकल एजुकेशन डायरेक्टर एंप्लॉयमेंट व रीजनल पीएफ कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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