जुन्ना हँड़िया के बासी म
पोसक भरपुर हावय जुन्ना हँड़िया के बासी म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
हम किसान बनिहार गरीबी रेखा म जीवन जीथन
नून घोर के बासी खाथन पाछू नुनहा पेज पीथन
कखरो चारी-चुगली करके अपजस नईं ली छाती म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
काँस के बटकी भर बासी नून अउ मिरचा घुरे रथे
मिलिस त दही मही मिलाएन नहीं त पानी भरे रथे
एक ठन गोंदली चाब-चाब के झड़केन कांदा भाजी म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
बासी खा के भिड़ेन बुता म कहाँ घाम के नाव संगी
मूड़ म पागा पटकू के बन गे बर के छाँव संगी
आगी आँच बन झोरय हवा फेर ताव के टोर हे बासी म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
बासी के ताकत नस-नस म गैंती घलो झनक जाथे
रुवाँ-रुवाँ ले फूटय पछीना ये घाम के मोती दमक जाथे
दाई के अँउटे मया भरे हे चाउँर गहूँ फूल पाती म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
गड़रिया बेटा भेंड़ी ढिलयँ बांध के खुमरी कमरा जी
खांध म दपकी लाठी पनही लजावय घाम अउ भोमरा जी
बगर के भेंड़ी बिधुन चरयँ मैदान खेत अउ घाटी म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
कहाँ ले पाबो पोहा जलेबी कहाँ समोसा भजिया रोज
तेलहा गुड़हा पेट बिगाड़य खरचा घलो बढ़ावय बोझ
माई-पिल्ला हम रहिथन खुस भात साग अउ बासी म !
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
पुष्टाई भरपूर हवै जुन्ना हँड़िया के बासी म !!
जांगर भर पहट के कमाथन मंझनियाँ पठपर माटी म !!
कवि-जोहन भार्गव जी
सेंदरी बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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