छत्तीसगढ़ के प्लांट म छत्तीसगढ़िया मन मजदूरी करत हे, अउ बाहिर ले आये मनखे मन अधिकारी बने बइठे हे-

 छत्तीसगढ़ के प्लांट म छत्तीसगढ़िया मन मजदूरी करत हे, अउ बाहिर ले आये मनखे मन अधिकारी बने बइठे हे-



छत्तीसगढ़ के प्लांट म बड़े अवधा वाले पद म छत्तीसगढ़िया ल रोजगार नइ देवाय बाहिर के मनखे ल रोजगार देथे,


छत्तीसगढ़ में जतना भी बड़का प्लांट/कंपनी चलत हे, उमन दूसर प्रदेश ले मनखे लेके आथे अउ छत्तीसगढ़ म रोजगार दे बर  उमन ल कंपनी के अच्छा-अच्छा पद म रोजगार देथे,  जेन जगह म प्लांट लगे हे उंहा के दु-चार गांव वाला ल रोजगार म रख लेथे ओही मनखे मन प्लांट मालिक के गुनगान करथे, अउ कोनो लोकल आदमी प्लांट के खिलाफ बोलथे त ओला समझाये के दबाये के बुता करथे, अइसने दु-चार छत्तीसगढ़िया मन प्लांट म बुता करथे जेन मन प्लांट मालिक के गुलामी करथे, अउ जेन छत्तीसगढ़िया शोषण के विरोध करथे त प्लांट मालिक के चमचा मन उमन ल समझाथे अउ कहुँ समझाये ले बात नइ बने त बाहिर ले आये परदेसिया मालिक मन के संग मिल के लोकल छत्तीसगढ़िया ल दबाये के प्रयास करथे जेखर कारन बाहिर ले आके छत्तीसगढ़ म बुता करईया मनखे मन के हौसला बुलंद हो जाथे, अउ लोकल मनखे ल दबा के उंखरे गांव म रही के छत्तीसगढ़ी गोठिया के पंच-सरपंच, पार्षद अउ विधायक बन जाथे।


युवा कवि साहित्यकार

अनिल कुमार पाली

तारबाहर बिलासपुर

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