छत्तीसगढ़िया मांगे न्याय-ये कहानी आय छत्तीसगढ़ राज्य के नानकून गाँव के जिहाँ रमऊ नाँव के लइका राहत रिहिस। जउँन अब्बड़ सीधवा

 छत्तीसगढ़िया मांगे न्याय!


ये कहानी आय छत्तीसगढ़ राज्य के नानकून गाँव के जिहाँ रमऊ नाँव के लइका राहत रिहिस। जउँन अब्बड़ सीधवा 

किसम के लइका राहै, रमऊ नान्हेकून ले कोनो परकार के नशा पानी नई करत रिहिस। एक दिन के गोठ आय रमऊ अउ ओखर जम्मो संगवारी मन गाँव के सुख्खा तरिया म सुग्घर कबड्डी खेलत राहै। खेलत -खेलत बेरा बुड़े लागिस, त जम्मो संगी खेल ल छोड़ के सुख्खा तरिया म एके जगह बइठ गे अउ सुग्घर गोठ करे लागिस!कस भाई तुमन बड़े बन के का का काम करहूँ कहिके पूछथे रमऊ ह?, त उँखर परम संगी बुधारु ह कथे, भाई मेतो बड़े बाढ़ के पुलिस बनहुँ भाई कहिथे,!ताहन समारु ल पूछथे रमऊ ह? कस भाई समारु तँय बड़े बाढ़ के काय बनबे कहिके कहिथे? त समारु ह कहिथे मेतो भाई बाबू के बिजनेस ल आघू बढ़ाहु!त ओतकेच मे बुधारु ह कहिथे कस ग रमऊ तँय ह हमर मन के सपना अउ बुता ल पूछ डरेस। अब तँय बता बड़े बाढ़े के बाद तँय का करबे? त रमऊ ह कहिथे, भाई हो मेतो बड़े बाढ़े के बाद न बड़े जन कृषि अधिकारी बनहुँ।त बुधारु ह कहिथे चलो भाई हो घर कोती जाबो उति घर डाहर तको दाई, बाबू देखत होही। कि लइका आज कइसे घर नई आय हे कहिके!त रमऊ ह कहिथे हव भाई सिरतोन गोठ करत हस बेरा ह बुड़ गेहे त दाई बाबू मन हमर रद्दा जोहत होही!चलो त घर कोती चलबो,अउ अपन- अपन सपना अउ आघू के बुता करे खातीर उदिम करबो।रमऊ ह पढ़त- पढ़त अइसे -तइसे 10वी कक्षा तक पढ़ डरिस, अब बेरा आगे रमऊ ल अपन सपना के पहिली रद्दा मे जाय के!त रमऊ ल अपन सपना पूरा करे खातीर एग्रीकल्चर पढ़ना रिहिस त, ओखर बर रमऊ ल खैरागढ़ जाना रिहिस।रमऊ के मन मे उत्साह अउ मन गदगद होगे महुँ बड़का शहर म पढ़हु अउ नवा नवा संगी संगवारी बनही कहिके!त रमऊ ह खैरागढ़ म पढ़े खातीर अपन  जुन्ना स्कूल मे अपन टीसी निकाले बर जाने वाला रिहिस।त ओतकेच बेर ओला पता लगथे कि!खैरागढ़ मे कोरोना वायरस के अब्बड़ झन मरीज मिले हे अउ खैरागढ़ म लॉकडाउन लग गेहे कहिके पता चलिस!फिर रमऊ ल बड़ दुःख होइस!कि अब मँय कइसे अपन सपना ल पूरा करहूँ कहिके!फिर रमऊ बिचारा ह जइसे तइसे करके अपन मन ल समझइस! तहान रमऊ ह कला विषय ले अउ जइसे तइसे कभू सुख त कभू दुःख करके 12वी पास होगे।फेर एक दिन रमऊ के गाँव के अउ रमऊ के बेड़ा के एक झन कका ह कहिथे?कि का तेहा कृषि केन्द्र म बुता करे ल जाबे का कहिके!फेर रमऊ के मन म आस आगे कि मैंहा 1-2 बछर ले कृषि केन्द्र म जानकारी लेहुँ अउ कृषि फिल्ड  के बुता तहूँ करहूँ कहिके!रमऊ ह अइसे -तइसे करके डेढ़ बछर ले कृषि केन्द्र म बुता करिस अउ संगे संगे जानकारी तको होगे। अब बेरा आगे कृषि फिल्ड मे बुता करे के!त एक दिन रमऊ के गाँव के एक झन बड़ सुग्घर अउ मीठ सुभाव के लड़का तको कृषि केन्द्र खोले राहै। त एक दिन ओला रमऊ ह कहिथे? कस मयारूक भइया मोरो बर कोन्हो कंपनी खोज देथेस अपने क्षेत्र म महुँ ह उहीम बुता करतो कहिके कहिथे।त एक कंपनी वाले ल फोन लगाथे अउ कहिथे!कि भाई एक लड़का हे सुग्घर अउ मीठ सुभाव के हे त ओला अपने क्षेत्र म लगा देतेव कहिके किथे!त कंपनी वाले कहिथे ले बड़े साहब ले गोठ करत हँव कहिथे। एक दिन रमऊ के बाबू ह कृषि केंद्र गे रिहिस त उहि कंपनी वाले ल पंहुचा दिस!जउँन उँखर पहचान के रहिथे त कंपनी वाले ह कहिथे!आपे के लड़का है भइया उहाँ बुता करथे कंपनी मे लगवाना हे कहिके कहिथे।फेर रमऊ के बाबू ह रमऊ ल कहिथे!पंहुचाये रेहेव रमऊ ओ कंपनी वाले ल, कहिथे क्षेत्र म पोस्ट खाली हे  साहब ले गोठ करहूँ कहिके केहे। अतकेच ल सुन के रमऊ ह खुश होगे अउ मने -मन गदगद होगे!जँउन जगह जाय ओ जगह संगी संगवारी मन ल कहाये महुँ साहब बन गेव रे कहाये।एक दिन के गोठ आय रमऊ ह अपन दुकान ले घर आवत रिहिस त सोचथे कि!चल साहब ले ओ कंपनी वाले गोठ करिस होही कहिके!पता करथो,त ओतकेच बेर रमऊ के आघू म कॉल करथेओखर गाँव के कृषि केंद्र वाले ह , अउ कहिथे! कइसे भाई गोठ करेस का साहब ले!त कंपनी वाले ह कहिथे सॉरी भाई साहब ह एम पी कोती के लड़का ल रख लिस कहिथे। ओतकेच ल सुन के रमऊ के आँखी ले आँशु निकलगे अउ रमऊ ह घर आगे। रमऊ ह न्याय मांगथे कि!आखिर छत्तीसगढ़िया ल छत्तीसगढ़ म नौकरी काबर नई मिले। अइसन सिर्फ रमऊ सँग नई जम्मो नवजवान छत्तीसगढ़िया संगी संगवारी मन सँग होवत हे। रमऊ ह न्याय माँगात हे आखिर छत्तीसगढ़िया ल छत्तीसगढ़ म नौकरी काबर नई मिले!का छत्तीसगढ़िया ल ओ बुता नई आत होही सोचथे का?

का छत्तीसगढ़िया ल पढ़े लिखें ल भी अनपढ़ समझें जाथे का?

आज रमऊ सँग जम्मो छत्तीसगढ़िया न्याय माँगात हे।


      हेमंत मसखरे (मनचल्हा )

      मु. भदेरा (पैलीमेटा )

       जिला -के.सी.जी.

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