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हल्लासन |
21 जून अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस स्वास्थ रहना हे त योग करे ल लगही
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अनिल कुमार पाली |
योग ल दिन के सब्बो पहर म कोनो भी बेरा म कर सकथन फेर योग ल भोर म एकदम बिहान म करे ले बढ़ लाभकारी रहिथे, योग करे ले हमर शरीर म कईठन रोग के नाश होथे अउ कुछु नवा रोग घलोक नइ होवय, योग करे ले शरीर के सब्बो अंग ह स्वास्थ रहिथे मस्त रहिथे, शरीर के संगे-संग योग ह मनखे के चित्त अंतर आत्मा ल घलोक शांत करथे, शांत जीवन के संग खुशी घलोक होथे,
अउ अभी के व्यस्त जीवन म खाये पिये के बढ़ समस्या रहिथे तेखर सेती अभी के बेरा म मनखे मन ल शरीर म सबले जादा परेसानी पेट के होथे अउ पेट के परेसानी के सेती कईठन बीमारी होथे जेखर ले मनखे के शरीर ह स्वस्थ नइ रहे,
फेर आज के बेरा म बीमारी होना आम बात हो गे हे, बीमारी ले बांचे बर बढ़ दवाई गोली खाये ल लगथे, जेखर ले अब्बड़ अकन पइसा घलोक सिराथे, अउ तब मनखे ल अपन आप परहेज करें ल लगथे, अउ कई ठन समस्या ले जूझे ल लगथे, त ये सब समस्या ले जूझे ले बने हे कि अपन शरीर ल योग कर के स्वस्थ रखना चाही, अउ कोनो गोली-दवाई के सहारा नइ लेना चाही,
योग ह हमर भारत के महान गुरु मन के देन हे जेला आज पूरा देश विदेश म मनखे मन मानथे अउ करथे घलोक तेखरे सेती पूरा विश्व म 21 जून ल योग दिवस के रूप म मनाथे, तभो ले हमर भारत देश म योग ल जादा झन मनखे मन नइ करे, अउ येखर महत्व ल नइ समझे, हम सब्बो झन ल मिल के हमर देश के योगा ल पूरा देश म बगराये ल परही तभे पूरा भारत देश ह स्वास्थ रही, अउ सबले बड़े बात ये हवय की योग करे म कोनो भी रुपया पइसा नइ लगे अउ योग करें से अपने शरीर ह स्वास्थ रहिथें। त योग कर के अपन शरीर ल स्वास्थ रखे म कोनो घाटा नइ हे, तेखरे सेती सब्बो मनखे ल योग करना चाहिये,
रचना
युवा कवि साहित्यकार
अनिल कुमार पाली, तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़
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