भाखा गुड़ी से फ़ोटो प्राप्त
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हमर धान कटोरा छत्तीसगढ़
जिहा सोन चिरईया चहके
गांव गवई के पावन भूईया
माटी चन्दन बरोबर महके
मोर गवई ल गंगा कईथे
गंगा कस निर्मल पावन हे
बोली भाखा गुरतुर लागे
प्रित मया मन भावन हे
देख नगरिया के काया ल,
तन हीरा बरोबर चमके
ये भूईया के सोनहा माटी
जनम करम महतारी ये
उपजेन बाढेन खेलेन कूदेन
माटी हमर संगवारी ये
देख सावन के रिमझिम पानी
जम्मो खेती खार ह दमके
छत्तीस गढ़ हे तेकरे सेती
छत्तीसगढ़ सुघ्घर नाम धराये
अन धन के करथे पुरती
सोनह माटी धान कटोरा कहाये
पाव परव तोर छत्तीसगढ़ महतारी
करबे मया दुलार सबके
हमर धान कटोरा छत्तीसगढ़, जिहा सोन चिरईया चहके
गांव गवई के पावन भूईया, माटी चन्दन बरोबर महके
🌾जय छत्तीसगढ़ महतारी🌾
रचनाकार ✍ अनिल जागडे
शा प्रा शाला तोरला
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🇮🇳🇮🇳🙏🙏
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