कोरोना मनखे ल सवघे लिलत हे, कोविड19

कोरोना covid 19

कोरोनो मनखे ल सउघे लिलत हे

अमीर गरीब अऊ जात-पात,कोनो ल नई चिनहत हे।
ऐ महमारी राक्षस कोरोना ह,मनखे ल सऊघे लिलत हे।

बिपत परगे जग दुनिया म, ऐ कईसन हे बिमारी 
दुख पिरा कतका साहत हे, मोर भारत महतारी।

मोर भारत महतारी के ख़ातीर,जुर मिल के सुनता बनाव
झन निकलव कोनो घर ले बाहीर, सब मिलके किरिया खावव।

रहव भाई सावधान ऐखर ले, ऐ राक्षस सबो ल खा जाही। 
सूझ बूझ के रहव सुरक्छा, फेर अपने अपन मर जाही।

झन डरावव ऐ बैरी ल कोनो, सब मिलके ऐला भगाबोन ।
नवा बछर के माटी के दीया, घर-घर म सबो जलाबोन


- अनिल जाॅगडे,सरगांव (मुंगेली )
कोरोनो मनखे ल सउघे लिलत हे

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