हाँसत कुलकत जग दुनिया म
सुन्ना परगे ग कोना कोना
अमरबेल असन छागे भईया
ये महमारी आज कोरोना
मनखे ह मनखे ल डरात हे
देख दुरिया म घुच जात हे
छुआ छुत के ऐ बिमारी
सब झन ल छुत बनात हे
देख रूप विकराल धरे हे
सब डहर कहर बरसावत हे
झन लाघव कोनो लक्ष्मण रेखा
जमो मनखे ल समझावत हे
रहव भाई सावधान ऐखर ले
ऐ राक्षस सबो ल खाजाही
सुझ बूझ संग करव सुरक्षा
फेर हमर तीर कहा आपाही
झन निकलव कोनो घर ल बाहीर
किरिया खालव सब ऐखर खातीर
जुर मिल के बैरी ल भगाबोन
जग दुनिया ल ऐला मिटाबोन
जग दुनिया ल ऐला मिटाबोन
लेखक - अनिल जाॅगडे
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