🍺भारी मजा हे तोर चेप्टी म!!
भारी मजा हे तोर चेप्टी म संगी…
भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!
सौ रुपिया म कंठ समाय…!!
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
पाके मउहा ले ओगर थस
तयँ पाके मउहा ले ओगर थस
तोला पी के घोड़ा हिनहिनाय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
तन के रुखवा अउ मन के डंगाल
छुए भर म तोला झनझनाय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
हावय चिखना बर काजू बदाम
दू ठन संतरा घलो रस भराय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
छोकरा जवान रंगीला सियान
पी-पी के चिखला मताय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
भरे रहय तोर काया के होली
एमा आगी सदा लगदगाय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
भारी मजा हे तोर चेप्टी म संगी
भारी मजा हे तोर चेप्टी म
सौ रुपिया म कंठ समाय
रे संगी भारी मजा हे तोर चेप्टी म…!!
कवि- जोहन भार्गव जी
सेंदरी बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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