करत हाँवव बंदन तोर देसभग्ति भाव ल, खुदीराम बोस के भुलाही बलिदान कोन…? कवि- जोहन भार्गव जी गड़रिया समाज सेंदरी बिलासपुर ।

 खुदीराम बोस के भुलाही बलिदान कोन…?


करत हाँवव बंदन तोर देसभग्ति भाव ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


तीन दिसंबर सन् अट्ठारह सौ नवासी

ददा त्रैलोक्यनाथ लक्छमीप्रिया दाई 

बड़ चमकाए तयँ मिदनापुर गाँव ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


पढ़ के नौंवी कक्षा छोड़े आघू के पढ़ाई ल 

योद्धा बन के लड़े अजादी के लड़ाई ल

मुजफ्फरपुर के कांड म उछाले अपन नावँ ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


गुलामी ले बढ़ के नोहय रोग कोई जग म

कायरता ले बढ़ के पाबे दोष कहाँ जग म

बैरी के छाती म धरे बीरता के पाँव ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


खुदीराम बोस के भुलाही बलिदान कोन 

गीता धर के फाँसी म झुलाही अपन जान कोन 

“बंग-भंग” आंदोलनकारी मानिस तोर लगाव ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


पंद्रा साल म क्रांतिकारी भारी गरम खून तोर

अट्ठारह साल म फाँसी देसभग्ति के जुनून तोर

करम के मरम ल जाने गीता के प्रभाव ल…!

भारत माता बर हारे जिनगी के दाँव ल…!!


कवि- जोहन भार्गव जी

 गड़रिया समाज सेंदरी बिलासपुर ।

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