लोकमाता अहिल्याबाई…!!
तोर महिमा हावय अपार महरानी अहिल्याबाई…!!
तैं मनुष रहे के अवतार लोकमाता अहिल्याबाई…!!
जनम लेहे एकतीस मई के सन् सत्रह सौ पचीस
महाराष्ट्र चौण्डी गाँव के नावँ घलो जागीस
भेंड़पाल धनगर गड़रिया मानक शिंदे के घर
सुशीला आई के कोख के मान बढ़ाए दुनिया भर
तेजस्विनी विलक्षण भक्ति बिक्कट चतुराई…!!
तैं मनुष रहे के अवतार लोकमाता अहिल्याबाई…!!
आठ बछर म खण्डे राव संग बन गे भाँवर जोग
तेईस के उमर म दू लइकन उनतीस म पति बियोग
इंदौर किला म जइसे काल हर आँखी गड़ाय रहिस
पहिली चुरी फेर ससुर तिहाँ ले बेटा चल बसिस
नानकुन अंगना के बेटी जनता के मयारुक दाई…!!
तैं मनुष रहे के अवतार लोकमाता अहिल्याबाई…!!
उजड़े राज ल फेर बसाना भारी कठिन बुता
सोंचे प्रजा बर मिले हे सत्ता सुखी रहय प्रजा
महाकाल ल साखी जान के स्वयं ल साधे कसे
राजधन ल माता तैं चाहे जनहित कर मद म लगै
हजारों मंदिर मठ के मरम्मत कहाँ नहीं प्रभुताई…!!
तैं मनुष रहे के अवतार लोकमाता अहिल्याबाई…!!
घाट बावली कुआँ तलाव बाग बगइचा के काम
बीस पेड़ हर कृषक लगावयँ बर पीपर नीम आम
देसी ओनहा लुगरा के बेवपार अउ एकर बिकास
उत्तर ले दक्छिन, देस भर तोर जस करय निवास
विद्या चिकित्सा सड़क सुरक्षा चारों मुड़ा बड़ाई…!!
तैं मनुष रहे के अवतार लोकमाता अहिल्याबाई…!!
कवि - जोहन भार्गव जी
गाँव - सेंदरी जिला - बिलासपुर (छ.ग)
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