अनियमित कर्मचारियों में पढ़ रही है दरार : कई टुकड़ो में बंट सकता है संघ
दो गुटों में बंटा संघ एक होना चाहिए या नही?
रायपुर । छत्तीसगढ़ में लगभग 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारी अलग-अलग विभागों में कार्यरत है, जो लंबे समय से नियमितीकरण का मुद्दा उठा रहे थे, परन्तु 1 लाख 80 हजार कर्मचारी एक साथ एक मंच में नही होने की वजा से अनियमित कर्मचारियों की उठने वाली मांगों को शासन के द्वारा दबा दिया जाता था, कभी बल पूर्वक तो कभी कुछ प्रतिशत वेतन वृद्धि कर के, इसके बाउजूद अनियमित कर्मचारियों के साथ हो रहें पराये जैसे व्यवहार और लगातार बढ़ती नियमित की मांग को देखते हु, अनियमित कर्मचारी संघ का निर्माण किया गया, जिससे 1 लाख 80 हजार कर्मचारी एक ही मंच पर आकर अपनी मांगों के लिए 15 दिवस से भी अधिक दिन का अनिचित कालीन हड़ताल किया, जिसके सामने उस समय की भाजपा की सरकार को झुकना पड़ा और कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बनने पर अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही साथ-साथ अनियमित कर्मचारियों की मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया, कांग्रेस पार्टी का सहयोग मिलता देख भाजपा की सरकार ने मध्यस्ता करते हुवे, हड़ताल को स्थगित करवाया गया सभी कर्मचारी अपने काम पर वापस लौटाया गया।
आप को बता दे कि आपसी मत भेद के चलते कुछ समय बाद अनियमित कर्मचारी दो गुटों में बंट गए, जिसमें संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ और संयुक्त प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी महासंघ जिससे अनियमित कर्मचारियों की नियमित होने की उम्मीद भी बंट गई, जिसका फायदा उठाते हुवे शासन प्रशासन ने छटनी की प्रक्रिया तेज कर दी, जिसका पूरा नुकसान सामान्य अनियमित कर्मचारियों सदस्य को जादा हुवा।
वर्तमान में दोनों संघों के द्वारा अपने-अपने स्तर पर नियमितीकरण के लिए कार्य किया जा रहा है, उसके बाउजूद कर्मचारियों की छटनी से संघ के सदस्य काफी हताहत नजर आ रहे है जिसके कारण अनियमित कर्मचारियों में आपसी टकराव की लहर दौड़ने लगी है, अगर स्थिति एसी ही बनी रही तो अनियमित कर्मचारी और अधिक टुकड़ो में बंट जाएंगे।
अनियमित कर्मचारियों में दोनों संघों को एक करने की मांग बढ़ती ही चली जा रही है, अगर संघ के पदाधिकारियों ने इस ओर ध्यान नही दिया तो संघो को बहुत ज्यादा क्षति का सामना करना पढ़ सकता है।
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बिल्कुल सही अब समय आ गया है कि सब को एक हो जाएं कब तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे के बैनर तले बैठे रहेंगे सब के सब एक जगह एकत्रित हुए और पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसी बाढ़ लाएं जिससे अनियमितता पूर्ण रूप से दूर हो जाए
14 Comments
जरूर एक होना चाहिए तभी कोई सुनेगा
ReplyDeleteबिल्कुल एक होना चाहिए,ताकि कोई भी दल राजनीतिक रोटी न सेक सके।
ReplyDeleteएक होना चाहिए तभी सकारात्मक परिणाम मिलेगा
ReplyDeleteदोनों जब तक एक नहीं होंगे कोई भी आंदोलन प्रभावशाली नहीं रहेगा....
ReplyDeleteदोनों जब तक एक नहीं होंगे कोई भी आंदोलन प्रभावशाली नहीं रहेगा....
ReplyDeleteदोनों संघ को एक होकर नियमितीकरण के लिए लड़ाई लड़ना चाहिए
ReplyDeleteदोनों संघो को एक हो जाना चाहिए, क्योंकि एकता में ही संख्याबल और सफलता निहित है।
ReplyDeleteसभी अनियमित कर्मचारी एक होकर लड़ना होगा
ReplyDeleteबिल्कुल सही अब समय आ गया है कि सब को एक हो जाएं कब तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे के बैनर तले बैठे रहेंगे सब के सब एक जगह एकत्रित हुए और पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसी बाढ़ लाएं जिससे अनियमितता पूर्ण रूप से दूर हो जाए
ReplyDeleteहा एक होना चाहिए समय को देखते हुए
ReplyDeleteहा सभी को एक साथ मिल कर लडना होगा
ReplyDeleteDono sangh ek hoga tabhi sarkar ko jhuka sakte hai
ReplyDeleteHam sabhi aniyamit karmachariyon ko santh milkar ldna chahia
ReplyDeleteManjil to ek hi hai to musafiron ko bhi saath saath chalna chahiye
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