मैं छत्तीसगढ़िया हव


चित्र- छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ले प्राप्त



छत्तीसगढ़िया हव मैं

संगवारी जोहार ले.....मैं भाखा के सम्मान लिखईया हव।
मोर दाई के मयारू लईका... मैं छत्तीसगढ़िया हव।
भाखा के मया जुग म बगराये बर आये हव,
चिन डारबे मोला परदेशिया...मैं छत्तीसगढ़िया हव।।

अपन रददा रेंगथव...भेंट कर के जोहार कराईया हव,
आँखी ल देखाबे त, चिल असन नोचईया आंव।
माटी म जनमे, दाई के गुन ल गवईया हव।
छत्तीसगढ़ महतारी के लईका, मैं छत्तीसगढ़िया हव।

सियान के गोठ ल सुन के, ओखर रददा म रेंगाइया हव मैं।
सुरुज के पहली किरण संग, जगईया हव मैं।
मुड़ी म छत्तीसगढ़ के, सांस्करीति ल बोहईया हव मैं।
दाई-ददा के संग ल धरेंव, बेटा छत्तीसगढ़िया हव मैं।

सुनथव सब के, फेर अपन मन के करईया हव मैं।
मोर महतारी भाखा ल जेन ह नइ गोठियाय।
वइसने छत्तीसगढ़िया ल नींद ले जगाईया हव मैं।
बने कान दे के सुनबे, छत्तीसगढ़िया हव मैं।।

सम्मान करें तेखर मान-सम्मान करईया हव मैं।
छत्तीसगढ़ महतारी के अपमान जोन करही।
तेखर गोड तोड़ के हाथ म धरईया हव मैं।
अपन भाखा के सम्मान लिखाईया,छत्तीसगढ़िया हव मैं।
अपन दाई के मयारू लईका.. छत्तीसगढ़िया हव मैं।।

युवा कवि साहित्यकार
अनिल कुमार पाली, तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़
मो: 7722906664,7987766416

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2 Comments

  1. जोरदार भैया ......जय जोहार

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  2. बहुत ही सुंदर शैली

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