चरू भर पानी के आस…!!
दुख-सुख मीठ करू जम्मो के कहानी ए…!
चरू भर पानी के आस जिनगानी ए…!!
दाई-ददा अवतारयँ सिरजन करता बन
कष्ट रोग पीरा हरयँ पालन करता बन
एही दूनों बर पीपर चारों धाम तीरथ ए
जम्मो देवी-देवता अउ मंदिर के मूरत ए
काया हर सियान लइका काया जवानी ए…!
चरू भर पानी के आस जिनगानी ए…!!
छत रोटी धोती बर कुटुम्ब जन कहूँ रहा
हित-मीत समाज सगा गाँव घर ले मिल के रहा
बनी-भूती नउकरी करके गुजर-बसर करा
धनी-मानी होय के बाद यथासक्ति मदत करा
नफा-नुकसान हर पछीना के पानी ए…!
चरू भर पानी के आस जिनगानी ए…!!
कमाबो उमर भर जाबो चढ़ के चार कांधा म
बने रद्दा छोड़ के फँसे हन लोभ के फांदा म
पेट घर पूत परिवार ल चलाना हे
संग-संग सगा अउ समाज ल उठाना हे
चीज जायदाद धन साँस आनी-जानी ए…!
चरू भर पानी के आस जिनगानी ए…!!
जोहन भार्गव जी
सेंदरी बिलासपुर छत्तीसगढ़
0 Comments
अपने विचार सुझाव यहाँ लिख कर हमें भेजें।