गीता वेद कहइया ल क़ुरान पढ़े बर कहिथवँ मैं !! नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहथवँ मैं !!- कवि- जोहन भार्गव जी

 

कुरान पढ़े बर कहिथवँ मैं…!!


गीता वेद कहइया ल क़ुरान पढ़े बर कहिथवँ मैं !!
नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहथवँ मैं !!

अपन धरम ले उपर उठ के एक धरम बर सोंचव सब
मानवता ले बढ़ के नोहय कोनों के रब समझव सब
मानव के सभ्यता मनइया इंसान गढ़े बर कहिथवंँ मैं
नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहिथवँ मैं

लटपट रोटी धोती छत ल जिनगी म सकेल पाथन
दस प्रानी के कुटुम समेत दू परोसा दमेल पाथन
तभो ले मद म चूर रहे बिन ईमान गढ़े बर कहिथवँ मैं
नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहिथवँ मैं

आन के दोष बतावत गिनावत काया काया घूमत हन
एक जनम ले दूसर तीसर कई सरीर म बिलमत हन
तभो ले मन हर भरय नहीं झन दोष मढ़े बर कहिथवँ मैं
नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहिथवँ मैं

जगत नियंता जगत बनइया जगदीश्वर बर लड़ना का
भवानी कह भगवान बता कह अल्ला मसीहा छोड़ न गा
मनखे संग मानवता ओगरय वो तान सधे बर कहिथवँ मैं
नियम धरम के नास्तिक ल संविधान पढ़े बर कहिथवँ मैं 

कवि- जोहन भार्गव जी
सेंदरी बिलासपुर (छ.ग)

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